Sunday 4 January 2015

आंत स्राव मंत्र और वैदिक मंत्र



आंत स्राव मंत्र और वैदिक मंत्र
गढ़वाल कुमाऊं में हर परेशानी हेतु मंत्र रचे गये हैं कुछ की खोज हो चुकी और असंख्य मन्त्रों की खोज बाकी है
गणित प्रकाश एक ऐसी मंत्र ग्रंथावली है जिसमे चिकत्सा मन्त्र हैं . गणित प्रकाश में चिकित्सा मन्त्र और यंत्र हैं
इस ग्रन्थावली में एक मंत्र काट लगने (आंतो का रोग , आंत्र स्राव, पेचिस ) पर किस प्रकार से चिकत्सा प्रबंध किया जाय पर एक मंत्र इस प्रकार है
स्याळ की राल लौंग सूंठ आम की गुठली स्र्तींतो कट्ठा करण पीस्णों आदा कौड़ी बाण पूडी बाद्णी अनोपान एक बगोट उमरा को एक बगोट
तिमला की जड़ी को बगोट एक अणताज करणों सात मृच पीसिक डाळणों अदुड़ी पाणि मा कुवात करणों . गया घीउ ना त पथ देणों कटाई जाई
अथर्व वेद में चिकित्सा संकेत मंत्र
(अथर्व वेद, पांचवां अध्याय , इकाणवे संहिता, ऋषि - भ्रिग्रा, देवता- यक्ष्नाश्म , आप , छंद - अनुषटुपु)
यह जो औषधि में प्रयुक्त करने के लिए आठ बैल या चै बैल वाले हल द्वारा जोतकर उत्पन्न किये हैं उन यवों से तेरे रोग के कारण पाप को नीचे से निकालता हूँ
जैसे सूर्य नीचे तपते हैं , वायु नीचे चलती है , गौ नीचे मुख करके दूध देती है , वैसे ही रो तेरा मुख भी अधोमुखी हो , औषधियां जल की विकार रूप हैं
अत: जल ही रोग निवारण का सर्वोत्तम औषधि है . यह जल सब संसार की औषधि रूप है . वे ही तेरा रोग निवारण करें
इस तरह अनुमान लगाना सरल है क़ि वैदिक समहिताओं से चरक सम्हिताओं में होते हुए चिकत्सा मंत्र स्थानीय भाषाओं में आये एवम बहुत सी चिकत्सा पद्धति स्थानीय दृष्टि से खोजी भी गईं हैं

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