तीन युग बीत चुके हैं सतयुग, त्रेता युग और द्वापर युग। अभी कलयुग चल रहा है। कलयुग में मात्र भगवान का नाम लेने से ही कई जन्मों के पाप स्वत: नष्ट हो जाते हैं। सामान्य पूजा से देवी-देवता प्रसन्न हो जाते हैं। शीघ्र कृपा करने वाले हनुमानजी प्रमुख देव माने गए हैं। बजरंगबली सभी सुख-संपत्ति और सुविधाएं प्रदान करते हैं। हनुमानजी सभी प्रतिमाओं और फोटो की पूजा का अलग-अलग महत्व बताया गया है। धन या पैसों से जुड़ी समस्याओं से निजात पाना है, दुर्भाग्य को दूर करना है तो हनुमानजी के ऐसे फोटो की पूजा करनी चाहिए जिसमें वे स्वयं श्रीराम, लक्ष्मण और सीता माता की आराधना कर रहे हैं। पवनपुत्र के भक्ति भाव वाली प्रतिमा या फोटो की पूजा करने से उनकी कृपा तो प्राप्त होती है साथ ही श्रीराम, लक्ष्मण और माता सीता की कृपा भी प्राप्त होती है। दुर्भाग्य भी सौभाग्य में परिवर्तित हो जाता है। श्रीरामचरित मानस के अनुसार माता सीता द्वारा पवनपुत्र हनुमानजी को अमरता का वरदान दिया गया है। इसी वरदान के प्रभाव से इन्हें अष्टचिरंजीवी में शामिल किया जाता है। हनुमानजी भक्तों की मनोकामनाएं तुरंत ही पूर्ण करते हैं। श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमानजी की कृपा प्राप्त होते ही भक्तों के सभी दुख दूर हो जाते हैं। पैसों से जुड़ी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। कोई रोग हो तो वह भी नष्ट हो जाता है। इसके साथ ही यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह दोष हो तो पवनपुत्र की पूजा से वह भी दूर हो जाता है। कोई व्यक्ति पैसों की तंगी का सामना करना रहा है तो उसे मंगलवार और शनिवार यह उपाय अपनाना चाहिए। सभी समस्याएं धीरे-धीरे समाप्त हो जाती हैं और व्यक्ति मालामाल हो सकता है। उपाय - सप्ताह के प्रति मंगलवार और शनिवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठें। इसके बाद नित्य कर्मों से निवृत्त होकर किसी पीपल के पेड़ से 11 पत्ते तोड़ लें। पत्ते पूरे होने चाहिए, कहीं से टूटे या खंडित नहीं होने चाहिए। इन पत्तों पर स्वच्छ जल में कुमकुम या अष्टगंध या चंदन मिलाकर इससे श्रीराम का नाम लिखें। नाम लिखते से हनुमान चालिसा का पाठ करें। इसके बाद श्रीराम नाम लिखे हुए इन पत्तों की एक माला बनाएं। इस माला को किसी भी हनुमानजी के मंदिर जाकर वहां बजरंगबली को अर्पित करें। कुछ समय में सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे।किसी भी प्रकार के अधार्मिक कार्य न करें।....................
श्री राम ज्योतिष सदन भारतीय ज्योतिष, अंक ज्योतिष पर आधारित जन्मपत्रिका और वर्षफल बनवाने के लिए सम्पर्क करें। अगर आप व्यक्तिगत रूप से या फोन पर एस्ट्रोलॉजर पंडित आशु बहुगुणा से अपनी समस्याओं को लेकर बात करना चाहते हैं।अपनी नई जन्मपत्रिका बनवाना चाहते हैं। या अपनी जन्मपत्रिका दिखाकर उचित सलाह चाहते हैं। मेरे द्वारा निर्धारित फीस/शुल्क अदा कर के आप बात कर सकते हैं। http://shriramjyotishsadan.in/ मोबाइल नं-9760924411 फीस संबंधी जानकारी के लिए- आप--- Whatsapp - message भी कर सकते हैं।-9760924411
Showing posts with label अष्टचिरंजीवी पवनपुत्र हनुमानजी. Show all posts
Showing posts with label अष्टचिरंजीवी पवनपुत्र हनुमानजी. Show all posts
Tuesday, 7 September 2021
Subscribe to:
Posts (Atom)
दुर्गा सप्तशती पाठ विधि
दुर्गा सप्तशती दुर्गा सप्तशती पाठ विधि पूजनकर्ता स्नान करके, आसन शुद्धि की क्रिया सम्पन्न करके, शुद्ध आसन पर बैठ जाएँ। माथे पर अपनी पसंद क...
-
ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र ॐ अस्य श्री बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मन्त्रस्य सप्त ऋषिः ऋषयः , मातृका छंदः , श्री बटुक भैरव ...