शास्त्रों का कथन है कि श्रीयंत्र के दर्शन मात्र से ही इसकी अद्भुत शक्तियों का लाभ मिलना शुरू हो जाता है।
* इस यंत्र को मंदिर या तिजोरी में रखकर प्रतिदिन पूजा करने व प्रतिदिन कमलगट्टे की माला पर श्रीसूक्त के 12 पाठ के जाप करने से लक्ष्मी प्रसन्न रहती है।
* जन्मकुंडली में मौजूद विभिन्न कुयोग श्रीयंत्र की नियमित पूजा से दूर हो जाते हैं।
* इसकी कृपा से मनुष्य को अष्टसिद्घियाँ और नौ निधियों की प्राप्ति होती है।
* श्रीयंत्र के पूजन से रोगों का नाश होता है।
* इस यंत्र की पूजा से मनुष्य को धन, समृद्घि, यश, कीर्ति की प्राप्ति होती है।
* रुके कार्य बनने लगते हैं। व्यापार की रुकावट खत्म होती है।
श्रीयंत्र की पूजा के मंत्र :-
* श्री महालक्ष्म्यै नमः
* श्री ह्रीं क्लीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
* श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः