Sunday 4 January 2015

समैणा विध्यान



समैणा विध्यान –1
श्री गणेशाय नम: श्री गुरु चरण कमलेभ्ये नम : ॐ नमो गुरु को आदेस गुरु को जुवार विद्वामाता कु नमस्कार . अथा सुमैण विधयाँण लिखिते . ॐ नमो निलम द्यौ सुकिली सभा बोल्दी कालीझालीमाली देवी . गोरिखाडा खेत्रपाल बेतालमुखी छुरी: खेगदासझाळी भाली देवी सुजस जैपाल ब्रना महरि : लेंडा महरि कुव महरि छमना पातर गुरु बेग्दास झाली माली देवी तन का रंग सिकुवा महर सात भाई कोठी सात भाई फलदा कोठी . राजा धामदेव का दश भाई दुलंच का बैठण वाल़ा . सोळ सौ कैतापुरी नकुवा मासाण लागी अत्याचार सांदणि सादो बांदणि बंदो . पकड़ी लायो सगती पाताळ धरती फुठी का पाठ राजा धामदेव का पाठ ध्यानसिंग भवन का पाठ प्रिथी का मालिक आजित महल भवरू घोड़ी का असिवारी डबुवा बिछुवा सणि आमा बैद का नाती धामदेव का नाती : कलुवा बैद का बिछुवा मसाणि खड़साणि शांसुळीकोट फलदा जुद्ध मा कुमाऊं पर्याणा . गुरु खगदास आलू भट्ट को नाती तालू भट्ट को नाती जलकमल को नाती थल्कमल को नाती लाब्री भोटन्त को नाती गुजरात देस को कालदास मोहन दास कनपणि कालदास खेगदास दुलंचा का बैठण वाला राजा का बाण सुर विक्रम कि नातेण कोटा रग्री कि नातेण शाम्साई कि शार्दूला जने निम् धर्म लगायो बरत सत कयों हरद्वारी फेर लगायो बद्री घांद चढायो

No comments:

दुर्गा सप्तशती पाठ विधि

  दुर्गा सप्तशती दुर्गा सप्तशती पाठ विधि पूजनकर्ता स्नान करके, आसन शुद्धि की क्रिया सम्पन्न करके, शुद्ध आसन पर बैठ जाएँ। माथे पर अपनी पसंद क...