स्वस्तिक क्यों बनाया जाता हैं शुभ काम से पहले
बहुत ही सुन्दर प्रश्न हम सब के लिए उपयोगी हैं
स्वस्तिक का मतलब होता हैं दस दिशाओ की पूजा।
अगर आप स्वस्तिक बनाते हैं तो दशो दिशाओ के अधिपति देवताओ की पूजा हो जाती हैं।
इसीलिए स्वस्तिक सदैव सीधा बनाना चाहिए उसकी रेखाओ को टेड़ा नहीं करना चाहिए और न ही कोने काटने चाहिए।
दस दिशाओ मैं से दो दिशाओ का नाम हैं आकाश और पाताल इन दोनों दिशाओ की पूजा के लिए 4 बिंदिया लगाईं जाती है।
2 बिंदिया ऊपर आकाश के लिए और 2 निचे पाताल के लिए
बाकि दिशाओ की पूजा स्वस्तिक की लकीरो से हो जाती हैं इसलिए लकीरो को टेढ़ा नहीं करना चाहिए और कोने भी नहीं काटना चाहिए ।
अगर प्रत्येक घर के बाहर मुख्य द्वार के ऊपर पौने सात इंच का स्वस्तिक बनाकर उसके थोडा ऊपर 978 लिख दिया जाए तो घर मैं किसी तरह की विपति , तंत्र मन्त्र टोटके इत्यादि का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता ।
घी मैं सिंदूर घोलकर उससे स्वस्तिक बनाये और ये संख्या लिखे।।यही संख्या अगर लाल या ऑरेंज पके कलर से या रेडियम से आप अपने पास कोई वाहन हो जैसे कार,एक्टिवा,बाइक इत्यादि पर लिख ले तो ये कभी दुर्घटना का शिकार नहीं होते।
।। करिये और देखिये ।।
ॐ रां रामाय नमः
श्री राम ज्योतिष सदन
भारतीय ज्योतिष, अंक ज्योतिष
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