Monday, 23 August 2021

स्वस्तिक क्यों बनाया जाता है। शुभ काम से पहले


स्वस्तिक क्यों बनाया जाता हैं शुभ काम से पहले
बहुत ही सुन्दर प्रश्न हम सब के लिए उपयोगी हैं
                  
 स्वस्तिक का मतलब होता हैं दस दिशाओ की पूजा।

अगर आप स्वस्तिक बनाते हैं तो दशो दिशाओ के अधिपति देवताओ की पूजा हो जाती हैं।

इसीलिए स्वस्तिक सदैव सीधा बनाना चाहिए उसकी रेखाओ को टेड़ा नहीं करना चाहिए और न ही कोने काटने चाहिए।
                   
 
दस दिशाओ मैं से दो दिशाओ का नाम हैं आकाश और पाताल इन दोनों दिशाओ की पूजा के लिए 4 बिंदिया लगाईं जाती है।  

2 बिंदिया ऊपर आकाश के लिए और 2 निचे पाताल के लिए                  

बाकि दिशाओ की पूजा स्वस्तिक की लकीरो से हो जाती हैं इसलिए लकीरो को टेढ़ा नहीं करना चाहिए और कोने भी नहीं काटना चाहिए ।                  
 
अगर प्रत्येक घर के बाहर मुख्य द्वार के ऊपर पौने सात इंच का स्वस्तिक बनाकर उसके थोडा ऊपर 978 लिख दिया जाए तो घर मैं किसी तरह की विपति , तंत्र मन्त्र टोटके इत्यादि का दुष्प्रभाव नहीं पड़ता ।

 घी मैं सिंदूर घोलकर उससे स्वस्तिक बनाये और ये संख्या लिखे।।यही संख्या अगर लाल या ऑरेंज पके कलर से या रेडियम से आप अपने पास कोई वाहन हो जैसे कार,एक्टिवा,बाइक इत्यादि पर लिख ले तो ये कभी दुर्घटना का शिकार नहीं होते।
          ।। करिये और देखिये ।।
ॐ रां रामाय नमः
श्री राम ज्योतिष सदन 
भारतीय ज्योतिष, अंक ज्योतिष
पर आधारित जन्मपत्रिका और वर्षफल बनवाने के लिए सम्पर्क करें।
अगर आप व्यक्तिगत रूप से या फोन पर एस्ट्रोलॉजर पंडित आशु बहुगुणा से अपनी समस्याओं को लेकर बात करना चाहते हैं।अपनी नई जन्मपत्रिका बनवाना चाहते हैं। या अपनी जन्मपत्रिका दिखाकर उचित सलाह चाहते हैं। मेरे द्वारा निर्धारित फीस/शुल्क अदा कर के आप बात कर सकते हैं। 
मोबाइल नं-9760924411
फीस संबंधी जानकारी के लिए Facebook page के message box में message करें। आप Whatsapp भी कर सकते हैं।
 नं-9760924411
कृपया निशुल्क: ज्योतिष-वास्तु परामर्श संबंधी फोन अथवा मैसेज ना करें।
मुजफ्फरनगर UP

No comments:

दुर्गा सप्तशती पाठ विधि

  दुर्गा सप्तशती दुर्गा सप्तशती पाठ विधि पूजनकर्ता स्नान करके, आसन शुद्धि की क्रिया सम्पन्न करके, शुद्ध आसन पर बैठ जाएँ। माथे पर अपनी पसंद क...