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Thursday, 7 April 2022

अंक ज्योतिष के अनुसार जन्म तारीख के कुल योग को मूलांक कहते है।

अंक ज्योतिष के अनुसार जन्म तारीख के कुल योग को मूलांक कहते है।  DD :MM :YYYY के कुल योग को भाग्यांक कहते है, मूलांक और भाग्यांक के अनुसार काम करने से जीवन में रुके हुए काम पुरे होते चले जाते है :-
अंकज्योतिष में नौ ग्रहों सूर्य, चन्द्र, गुरू, यूरेनस, बुध, शुक्र, वरूण, शनि और मंगल की विशेषताओं के आधार पर गणना की जाती है। इन में से प्रत्येक ग्रह के लिए 1 से लेकर 9 तक कोई एक अंक निर्धारित किया गया है, कौन से ग्रह पर किस अंक का असर होता है। ये नौ ग्रह मानव जीवन पर गहरा प्रभाव डालते हैं।
आइये जाने किस अंक का कौन स्वामी है :-
जन्म तारीख 1, 10, 19, 28 का मूलांक 1 का स्वामी सूर्य है
2, 11, 20, 29 तारीख को जन्मे व्यक्ति का मूलांक- 2 स्वामी चंद्रमा
3, 12, 21, 30 मूलांक- 3, स्वामी गुरू
4, 13, 22, 31 मूलांक 4 का स्वामी- राहु
5, 14, 23 मूलांक 5 स्वामी बुध
6, 15, 24 मूलांक 6 स्वामी शुक्र
7, 16, 25 मूलांक 7 स्वामी केतु
8, 17, 26 मूलांक 8 स्वामी- शनि-
9, 18, 27 मूलांक 9 स्वामी मंगल
आइये जाने भाग्यशाली अंक, अंको के रंग और शुभ दिशा
मूलांक 1 : यह अंक स्वतंत्र व्यक्तित्व का धनी है। इससे संभावित अंह का बोध, आत्म निर्भरता, प्रतिज्ञा, दृढ़ इच्छा शक्ति एवं विशिष्ट व्यक्तित्व दृष्टि गोचर होता है। इसके स्वामी सूर्य हैं. जिस व्यक्ति का जन्म समय 21 जुलाई से 28 अगस्त के मध्य हो, का प्रभाव सूर्य के नियंत्रण में होता है, इनके लिए शुभ तिथि 1,10,19 एवं 28 तारीख है. चार अंक से इनका जबरदस्त आकर्षण होता है. इनके लिए शुभ दिन रविवार एवं सोमवार है, तो शुभ रंग पीला, हरा एवं भूरा है. ये अपने ऑफिस, शयनकक्ष परदे, बेडशीट एवं दीवारों के रंग इन्हीं रंगों में करें, तो भाग्य पूर्णत: साथ देता है. इस मूलांक के व्यक्ति शासन के शीर्ष पद पर देखे जाते हैं. छह एवं आठ अंक वाले इनके शत्रु हैं. इनकी शुभ दिशा ईशान कोण है.
मूलांक 2 : अंक दो का संबंध मन से है। यह मानसिक आकर्षण, हृदय की भावना, सहानुभूति, संदेह, घृणा एवं दुविधा दर्शाता है। इसका प्रतिनिधित्व चन्द्र को मिला है, इस अंक का स्वामी चंद्रमा है 2,11, 20, 29 तारीख अति शुभ हैं. रविवार, सोमवार एवं शुक्रवार श्रेष्ठ दिन हैं. सफेद एवं हल्का हरा इनके शुभ रंग हैं.
मूलांक 3 : इस अंक के स्वामी देव गुरु वृहस्पति हैं .इससे बढ़ोत्तरी, बुद्धि विकास क्षमता, धन वृद्धि एवं सफलता मिलती है। 3, 12, 21 एवं 30 तारीख इनके लिए विशेष शुभ हैं. मंगलवार, गुरुवार एवं शुक्रवार श्रेष्ठ है. पीला एवं गुलाबी रंग अतिशुभ है. शुभ माह जनवरी एवं जुलाई है. दक्षिण, पश्चिम एवं अग्नि कोण श्रेष्ठ दिशा है.
मूलांक 4 : इस अंक से मनुष्य की हैसियत, भौतिक सुख संपदा, सम्पत्ति, कब्जा, उपलब्धि एवं श्रेय प्राप्त होता है। इसका प्रतिनिधि हर्षल और राहु हैं. 2, 11, 20 एवं 29 तारीख शुभ है. रविवार, सोमवार एवं शनिवार श्रेष्ठ दिन हैं, जिसमें शनिवार सर्वश्रेष्ठ है. नीला एवं भूरा रंग शुभ है.
मूलांक 5 : इस अंक का स्वामी बुध है. शुभ तिथि 5, 14 एवं 23 है. सोमवार, बुधवार एवं शुक्रवार श्रेष्ठ है. उसमें शुक्रवार सर्वाधिक शुभ है. सफेद, खाकी एवं हल्का हरा रंग इनके लिए शुभ है. इनके लिए अशुभ अंक 2, 6 और 9 है.
मूलांक 6 : इस अंक का स्वामी शुक्र है. छह का अंक वैवाहिक जीवन, प्रेम एवं प्रेम-विवाह, आपसी संबंध, सहयोग, सहानुभूति, संगीत, कला, अभिनय एवं नृत्य का परिचायक है।शुभ तिथि माह की 6,15 एवं 24 तारीख है. मंगलवार, गुरुवार एवं शुक्रवार श्रेष्ठ दिन है जिसमें शुक्रवार सर्वश्रेष्ठ है. आसमानी, हल्का एवं गहरा नीला एवं गुलाबी रंग शुभ हैं. लाल एवं काले रंग का प्रयोग वर्जित है.
मूलांक 7 : इस अंक का स्वामी केतु है. सात का अंक आपसी ताल मेल, साझेदारी, समझौता, अनुबंध, शान्ति, आपसी सामंजस्य एवं कटुता को जन्म देता है।महीना के 7, 16 एवं 25 तारीख सर्वश्रेष्ठ है. 21 जून से 25 जुलाई तक का समय भी श्रेष्ठ है. रविवार, सोमवार एवं बुधवार श्रेष्ठ हैं. जिसमें सोमवार सर्वश्रेष्ठ है. शुभ रंग हरा, सफेद एवं हल्का पीला है.
मूलांक 8 : इस अंक का स्वामी शनि हैं. 8, 17 एवं 26 तारीख श्रेष्ठ तिथि हैं.शनि का अंक होने से इस अंक से क्षीणता, शारीरिक मानसिक एवं आर्थिक कमजोरी, क्षति, हानि, पूर्ननिर्माण, मृत्यु, दुःख, लुप्त हो जाना या बहिर्गमन हो जाता है, रविवार, सोमवार एवं शनिवार शुभ हैं. जिसमें शनिवार सर्वाधिक शुभ है. भूरा, गहरा नीला, बैगनी, सफेद एवं काला शुभ रंग है. हृदय एवं वायु रोग इनके प्रभाव क्षेत्र हैं. दक्षिण, दक्षिण-पश्चिम एवं दक्षिण-पूर्व दिशा शुभ हैं.
मूलांक 9 : अंक नौ का स्वामी मंगल है. इस मूलांक के लोगों पर मंगल ग्रह का प्रभाव सर्वाधिक है.यह अन्तिम ईकाई अंक होने से संघर्ष, युद्ध, क्रोध, ऊर्जा, साहस एवं तीव्रता देता है। इससे विभक्ति, रोष एवं उत्सुकता प्रकट होती है। इसका प्रतिनिधि मंगल ग्रह है जो युद्ध का देवता है 9, 18 एवं 27 श्रेष्ठ तारीख है. मंगलवार, गुरुवार एवं शुक्रवार शुभ दिन है. गहरा लाल एवं गुलाबी शुभ रंग है. पूर्व, उत्तर-पूर्व एवं उत्तर-पश्चिम दिशा अतिशुभ हैं. हनुमान जी की अराधना श्रेष्ठ है
(2)अंकशास्त्र में मुख्य रूप से नामांक (Name Number), मूलांक (Root Number) और भाग्यांक (Destiny Number) इन तीन विशेष अंकों को आधार मानकर फलादेश किया जाता है. विवाह के संदर्भ में भी इन्हीं तीन प्रकार के अंकों के बीच सम्बन्ध को देखा जाता है.
अंक ज्योतिष (Numerology) भविष्य जानने की एक विधा है. अंक ज्योतिष से ज्योतिष की अन्य विधाओं की तरह भविष्य और सभी प्रकार के ज्योंतिषीय प्रश्नों का उत्तर ज्ञात किया जा सकता है. विवाह जैसे महत्वपूर्ण विषय में भी अंक ज्योतिष और उसके उपाय काफी मददगार साबित होते हैं.
अंक ज्योंतिष अपने नाम के अनुसार अंक पर आधारित है. अंक शास्त्र के अनुसार सृष्टि के सभी गोचर और अगोचर तत्वों अपना एक निश्चत अंक होता है. अंकों के बीच जब ताल मेल नहीं होता है तब वे अशुभ या विपरीत परिणाम देते हैं. अंकशास्त्र में मुख्य रूप से नामांक, मूलांक और भाग्यांक इन तीन विशेष अंकों को आधार मानकर फलादेश किया जाता है. विवाह के संदर्भ में भी इन्हीं तीन प्रकार के अंकों के बीच सम्बन्ध को देखा जाता है. अगर वर और वधू के अंक आपस में मेल खाते हैं तो विवाह हो सकता है. अगर अंक मेल नहीं खाते हैं तो इसका उपाय करना होता है ताकि अंकों के मध्य मधुर सम्बन्ध स्थापित हो सके.
वैदिक ज्योतिष (Vedic Astrology) एवं उसके समानांतर चलने वाली ज्योतिष विधाओं में वर वधु के वैवाहिक जीवन का आंकलन करने के लिए जिस प्रकार से कुण्डली से गुण मिलाया जाता ठीक उसी प्रकार अंकशास्त्र में अंकों को मिलाकर (Numerology Marriage compatibility) वर वधू के वैवाहिक जीवन का आंकलन किया जाता है.
अंकशास्त्र से वर वधू का गुण मिलान (Matching for marriage through Numerology)
अंकशास्त्र में वर एवं वधू के वैवाहिक गुण मिलान के लिए, अंकशास्त्र के प्रमुख तीन अंकों में से नामांक ज्ञात किया जाता है. नामांक ज्ञात करने के लिए दोनों के नामों को अंग्रेजी के अलग अलग लिखा जाता है. नाम लिखने के बाद सभी अक्षरों के अंकों को जोड़ा जाता है जिससे नामांक ज्ञात होता है. ध्यान रखने योग्य तथ्य यह है कि अगर मूलक 9 से अधिक हो तो योग से प्राप्त संख्या को दो भागों में बांटकर पुन: योग किया जाता है. इस प्रकार जो अंक आता है वह नामांक होता है. उदाहरण से योग 32 आने पर 3+2=5. वर का अंक 5 हो और कन्या का अंक 8 तो दोनों के बीच सहयोगात्मक सम्बन्ध रहेगा, अंकशास्त्र का यह नियम है.
वर वधू के नामांक का फल (Matching by Name Number)
अंकशास्त्र के नियम के अनुसार अगर वर का नामांक 1 है और वधू का नामांक भी एक है तो दोनों में समान भावना एवं प्रतिस्पर्धा रहेगी जिससे पारिवारिक जीवन में कलह की स्थिति होगी. कन्या का नामांक 2 होने पर किसी कारण से दोनों के बीच तनाव की स्थिति बनी रहती है. वर 1 नामांक का हो और कन्या तीन नामांक की तो उत्तम रहता है दोनों के बीच प्रेम और परस्पर सहयोगात्मक सम्बन्ध रहता है. कन्या 4 नामंक की होने पर पति पत्नी के बीच अकारण विवाद होता रहता है और जिससे गृहस्थी में अशांति रहती है. पंचम नामंक की कन्या के साथ गृहस्थ जीवन सुखमय रहता है. सप्तम और नवम नामाक की कन्या भी 1 नामांक के वर के साथ सुखमय वैवाहिक जीवन का आनन्द लेती है जबकि षष्टम और अष्टम नामांक की कन्या और 1 नमांक का वर होने पर वैवाहिक जीवन के सुख में कमी आती है.
वर का नामांक 2 हो और कन्या 1 व 7 नामांक की हो तब वैवाहिक जीवन के सुख में बाधा आती है. 2 नामांक का वर इन दो नामांक की कन्या के अलावा अन्य नामांक वाली कन्या के साथ विवाह करता है तो वैवाहिक जीवन आनन्दमय और सुखमय रहता है. तीन नामांक की कन्या हो और वर 2 नामांक का तो जीवन सुखी होता है परंतु सुख दुख धूप छांव की तरह होता है. वर 3 नामांक का हो और कन्या तीन, चार अथवा पांच नामांक की हो तब अंकशास्त्र के अनुसार वैवाहिक जीवन उत्तम नहीं रहता है. नामांक तीन का वर और 7 की कन्या होने पर वैवाहिक जीवन में सुख दु:ख लगा रहता है. अन्य नामांक की कन्या का विवाह 3 नामांक के पुरूष से होता है तो पति पत्नी सुखी और आनन्दित रहते हैं.
4 अंक का पुरूष हो और कन्या 2, 4, 5 अंक की हो तब गृहस्थ जीवन उत्तम रहता है. चतुर्थ वर और षष्टम या अष्टम कन्या होने पर वैवाहिक जीवन में अधिक परेशानी नहीं आती है. 4 अंक के वर की शादी इन अंकों के अलावा अन्य अंक की कन्या से होने पर गृहस्थ जीवन में परेशानी आती है. 5 नामांक के वर के लिए 1, 2, 5, 6, 8 नामांक की कन्या उत्तम रहती है. चतुर्थ और सप्तम नामांक की कन्या से साथ गृहस्थ जीवन मिला जुला रहता है जबकि अन्य नामांक की कन्या होने पर गृहस्थ सुख में कमी आती है. षष्टम नामांक के वर के लिए 1एवं 6 अंक की कन्या से विवाह उत्तम होता है. 3, 5, 7, 8 एवं 9 नामांक की कन्या के साथ गृहस्थ जीवन सामान्य रहता है और 2 एवं चार नामांक की कन्या के साथ उत्तम वैवाहिक जीवन नहीं रह पाता.
वर का नामांक 7 होने पर कन्या अगर 1, 3, 6, नामांक की होती है तो पति पत्नी के बीच प्रेम और सहयोगात्मक सम्बन्ध होता है. कन्या अगर 5, 8 अथवा 9 नामंक की होती है तब वैवाहिक जीवन में थोड़ी बहुत परेशानियां आती है परंतु सब सामान्य रहता है. अन्य नामांक की कन्या होने पर पति पत्नी के बीच प्रेम और सहयोगात्मक सम्बन्ध नहीं रह पाता है. आठ नामांक का वर 5, 6 अथवा 7 नामांक की कन्या के साथ विवाह करता है तो दोनों सुखी होते हैं. 2 अथवा 3 नामांक की कन्या से विवाह करता है तो वैवाहिक जीवन सामान्य बना रहता है जबकि अन्य नामांक की कन्या से विवाह करता है तो परेशानी आती है. 9 नामांक के वर के लिए 1, 2, 3, 6 एवं 9 नामांक की कन्या उत्तम होती है जबकि 5 एवं 7 नामांक की कन्या सामान्य होती है. 9 नामांक के वर के लिए 4 और 8 नामांक की कन्या से विवाह करना अंकशास्त्र की दृष्टि से शुभ नही होता है.
अंक ज्योतिष (Numerology)
संसार में ज्योतिष की कई शाखाऎं (Branches Of Astrology) हैं, जिनमें से अंक ज्योतिष भी एक है. सामान्यतय ज्योतिष में ग्रहो का प्रभाव कार्य करता है. प्रत्येक ग्रह किसी न किसी नम्बर से जुडा हुआ है या हुम इस प्रकार भी कह सकते हैं कि कोइ एक नम्बर किसी ग्रह विशेष का प्रतिनिधित्व करता है,
जैसे कि 1 नम्बर सूर्य (1 Number of Sun), 2 नम्बर चन्द्र (2 Number of Moon) तथा 9 नम्बर मंगल (9 Number Of Mars) या इत्यादि. नम्बर 1 से 9 तक ही लिए जाते हैं. 0 को इसमें सम्मिलित नही किया गया है. ग्रह भी 9 ही होते हैं, अतः प्रत्येक ग्रह का एक विशेष अंक है. पाश्चात्य अंक ज्योतिष (Numerology) सात ग्रहो के अलावा नैपच्यून व यूरेनस को क्रमशः आठवाँ व नौवा ग्रह मानता है. जबकि भारतीय अंक ज्योतिष राहु-केतु को आठवें एंव नवें ग्रह के रुप में लेता है. भारतीय एंव पाश्चात्य अंक ज्योतिष के फलादेश (Jyotish Phaladesh) कथन में थोडा सा अन्तर रहता है…………अब हम अंक ज्योतिष विज्ञान के कार्य करने के तरीके (Method Of Numerology) की विवेचना करेंगे. वैसे तो अंक ज्योतिष में बहुत सारी परिभाषाएँ सामने आती हैं, परन्तु हम इसमें मुख्य रुप से दो परिभाषाओ मूलांक (Root Number/ Ruling Number) तथा भाग्यांक (Fadic Number) की ही चर्चा करेंगे. किसी भी व्यक्ति की जन्म तारीख उसका मूल्यांक होता है. जैसे कि 2 जुलाई को जन्मे व्यक्ति का मूलांक 2 होता है तथा 14 सितम्बर वाले का 1+4 = 5. तथा किसी भी व्यक्ति की सम्पूर्ण जन्म तारीख के योग को घटा कर एक अंक की संख्या को उस व्यक्ति विशेष का भाग्यांक( Bhagya Anka) कहते हैं, जैसे कि 2 जुलाई 1966 को जन्मे व्यक्ति का भाग्यांक 2+07+1+9+6+6= 31 = 3+1= 4, होगा. मूलांक तथा भाग्यांक स्थिर होते हैं, इनमें परिवर्तन सम्भव नही. क्योंकि किसी भी तरीके से व्यक्ति की जन्म तारीख बदली नही जा सकती…………
व्यक्ति का एक और अंक होता है जिसे सौभाग्य अंक (Destiny Number/ Lucky Number) कहते हैं. यह नम्बर परिवर्तनशील है. व्यक्ति के नाम के अक्षरो के कुल योग से बनने वाले अंक को सौभाग्य अंक कहा जाता है, जैसे कि मान लो किसी व्यक्ति का नाम RAMAN है, तो उसका सौभाग्य अंक R=2, A=1, M=4, A=1, एंव N=5 = 2+1+4+1+5 =13 =1+3 =4 होगा. यदि किसी व्यक्ति का सौभाग्य अंक उसके अनुकूल नही है तो उसके नाम के अंको में घटा जोड करके सौभाग्य अंक (Saubhagya Anka) को परिवर्तित कर सकते हैं, जिससे कि वह उस व्यक्ति के अनुकूल हो सके. सौभाग्य अंक का सीधा सम्बन्ध मूलांक से होता है. व्यक्ति के जीवन में सबसे अधिक प्रभाव मूलांक का होता है. चूंकि मूलांक स्थिर अंक होता है तो वह व्यक्ति के वास्तविक स्वभाव को दर्शाता है तथा मूलांक का तालमेल ही सौभाग्य अंक से बनाया जाता है.
व्यक्ति के जीवन में उतार-चढाव का कारण सौभाग्य अंक होता है. उदाहरण के लिए मान लो कि हम किसी शहर में जाकर नौकरी/ व्यवसाय करना चाहते हैं, तो हमें उस शहर का शुभांक (Shubha Anka) मालूम करना होगा फिर उस शुभांक को स्वंय के सौभाग्य अंक से तुलना करेंगे. यदि दोनो अंको में बेहतर ताल-मेल है अर्थात दोनो अंक आपस में मित्र ग्रुप के है तो वह शहर आपके अनुकूल होगा, और यदि दोनो अंक एक दूसरे से शत्रुवत व्यवहार रखते हैं तो उस शहर में आपके कार्य की हानि होगी. अब हमारे सामने दो विकल्प हैं, एक तो हम उस शहर विशेष को ही त्याग दें तथा अन्य किसी शहर में चले जायें, यदि एसा करना सम्भव न हो तो दूसरे विकल्प के रुप में हम अपने नाम के अक्षरो में इस प्रकार परिवर्तन करें कि वो उस शहर विशेष से भली भांति तालमेल बैठा लें. यही सबसे सरल तरीका है.
इस प्रकार हम अंक ज्योतिष के माध्यम से अपने जीवन को सुखी एंव समृद्ध बना सकते है एंव दुख व कष्टो को कम कर सकते हैं……………………….

(3).आपका मूलांक और व्यवसाय……………………………………………………………………..
जिनका जन्म 1, 10, 19, 28 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक एक होता है। एक अंक सूर्य का प्रतिनिधित्व करता है। एक अंक से प्रभावित व्यक्ति किसी के नियंत्रण में काम करना पसंद नहीं करते हैं। आजीविका की दृष्टि से आपके लिए दवा, ऊन, धान्य, सोना, मोती आदि का व्यापार अनुकूल रहेगा तथा इन क्षेत्रों में आप विशेष सफल होंगे।
जिनका जन्म 2, 11, 20, 23 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 2 होता है। अंक 2 का स्वामी चंद्रमा है। मूलांक दो वाले कोमल तथा बहुत ही सुंदर होते हैं। ये विनम्र, कल्पनाशील और भावुक होते हैं। आजीविका की दृष्टि से आपके लिए मोती, कृषि, बच्चों के खिलौने, फैंसी स्टोर, रेडीमेड स्टोर आदि का व्यापार विशेष सफलतादायक होगा।
जिनका जन्म 3, 12, 21, 30 तारीख को हुआ है, उनका मूलांक 3 होता है। अंक 3 का प्रतिनिधि ग्रह बृहस्पति है। तीन अंक वाले जातक निश्चित रू प से महत्वाकांक्षी तथा अनुशासनप्रिय होते हैं। अध्यापन वृत्ति तथा स्टेशनरी आदि के व्यापार से आजीविका प्राप्त होती है। 3 मूलांक के व्यक्ति अधिकांशत: सरकारी संस्थाओं में उच्च पदासीन देखे जाते हैं।
जिन व्यक्तियों का जन्म 4, 13, 22, 31 तारीख को होता है उनका मूलांक 4 होता है। भारतीय पद्धति के अनुसार इसका स्वामी ग्रह राहु है। इस अंक वाले व्यक्ति सात्विक ह्वदय एवं उदार प्रवृत्ति के होते हैं। ये स्पष्टवादी होते हैं। जीवन में प्राय: विरोधियों का सामना करना पड़ता है। आजीविका की दृष्टि से आपके लिए रेलवे, वायुयान, खान, तकनीक कार्य, पुरातत्व, ज्योतिष आदि कार्य अनुकूल रहेंगे।
जिनका जन्म 5, 14, 23 तारीख को होता है उनका मूलांक 5 होता है। अंक 5 का अधिष्ठाता बुध ग्रह है। पांच अंक वाले जातक वाक्पटु, व्यापारिक मानसिक वाले, पुष्ट शरीर व ठिगने कद के होते हैं। आजीविका की दृष्टि से आपके लिए लकड़ी का कारखाना, फर्नीचर, ज्योतिष, वैद्यक आदि कार्य सफलतादायक होंगे।
जिनका जन्म 6, 15, 24 तारीख को होता है उनका मूलांक 6 होता है। अंक 6 का स्वामी शुक्र है। इस अंक वाले लोगों में आकर्षण शक्ति विशेष होती है। ये लोकप्रिय होते हैं। आजीविका की दृष्टि से आपके लिए चौपायों के खरीदने-बेचने का कार्य, गुड़, चावल, किराना का व्यापार अथवा फैंसी स्टोर के व्यापार में सफलता प्राप्त होती है।
जिन व्यक्तियों का जन्म 7, 16, 25 तारीख को होता है उनका मूलांक 7 होता है। 7 अंक से प्रभावित जातक उग्र स्वभाव के, मौलिकतावादी, प्रभावशाली व्यक्तित्व के धनी होते हैं। 7 अंक का अधिष्ठाता नेपच्यून [वरूण] ग्रह है। आजीविका की दृष्टि से आप दवा, घास, स्वर्ण, सेना में कार्य सफलतादायक होगा।
जिन व्यक्तियों का जन्म 8, 17, 26 तारीख को होता है उनका मूलांक 8 होता है। 8 अंक से प्रभावित जातक स्वभाव से हर बात की गहराई में जाने वाले होते हैं। ऎसे व्यक्ति जीवकाल में महžवपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। अंक 8 का स्वामी शनि है। आजीविका की दृष्टि से आप लोहे का व्यापार, तिल, तेल, ऊन आदि के व्यापार में विशेष प्रगति पा सकते हैं।
जिन व्यक्तियों का जन्म 9, 18, 27 तारीख को होता है उनका मूलांक 9 होता है। 9 अंक का स्वामी मंगल है। 9 अंक से प्रभावित जातक तेजस्वी व उग्र स्वभाव के होते हैं। आजीविका की दृष्टि से आप तांबा व पीतल के बर्तनों की दुकान एवं कोयला आदि के व्यापार में, सोना, पुलिस आदि क्षेत्रों में शीघ्र सफलता प्राप्त कर सकते हैं। -………………….

अंक ज्योतिष के अनुसार निन्म उपाय करे
मूलांक १ – श्री गणेश की पूजा करे और महीने में एक रविवार को गेहू दान करे
मूलांक २ – महालक्ष्मी की पूजा करे और महीने में एक सोमवार को चावल का दान करे
मूलांक ३ – श्री गणेश और लक्ष्मी की साथ में पूजा करे और महीने में एक गुरुवार को चने की दाल का दान करे
मूलांक ४ – श्री हनुमानजी का पूजन करे और महीने में एक शनिवार को काले तिल का दान करे
मूलांक ५ – श्री हरी विष्णु का पूजन करे और महीने में एक बुधवार को साबुत मुंग का दान करे
मूलांक ६ – आशुतोष शिव का पूजन करे और महीने में एक बार बुधवार को गाय को हरा चारा डाले
मूलांक ७ – हररोज शिवलिंग पर जलाभिषेक करे और हर मंगलवार को सफ़ेद तिल का दान करे
मूलांक ८ – श्री कृष्ण का पूजन करे और महीने के हर शनिवार को साबुत मुंग का दान करे
मूलांक ९ – श्री भैरव का पूजन करे और महीने में हर मंगलवार को मसूर की दाल का दान

1..गाड़ी नंबर और रंग

यदि आप अपनी गाड़ी का नंबर और रंग, अंक ज्योतिष के अनुसार रखें तो भविष्यमें होने वाली दुर्घटनाएं टल जाती है। जानिए अंक ज्यातिष के अनुसार कैसाहोना चाहिए आपका गाड़ी नंबर और रंग..
अंक- 1 आपको अपने वाहन के नंबर काकुल योग 1, 2, 4 या 7 रखना चाहिये। पीले, सुनहरे, अथवा हल्के रंग के वाहनखरीदना चाहिए। आप 6 या 8 नंबर वाला वाहन न रखें साथ ही नीले, भूरे, बैंगनीया काले रंग के वाहन न खरीदें।
अंक- 2 आपके लिए वो वाहन अनुकूल है जिनकाकुल योग 1, 2, 4 या 7 हो। 9 नंबर वाले वाहन ना रखें। आप सफेद अथवा हल्केरंग का वाहन खरीदें। लाल अथवा गुलाबी रंग की वाहन न लें।
अंक-3 आपकीगाड़ी नंबर का कुल योग 3,6, या 9 होना चाहिये। 5 या 8 नंबर वाला वाहन आपकेलिए अच्छा नही रहेगा। पीले, बैंगनी, या गुलाबी रंग का वाहन खरीदें। हल्केहरे, सफेद ,भुरे रंग के वाहनों से बचें।
अंक-4 इस अंक वालों की गाड़ीनंबर का कुल योग 1, 2, 4 या 7 होना चाहिये। इनको 9, 6 या 8 नंबर वाले वाहनसे हानि हो सकती है। नीले या भूरे रंग के वाहन खरीदें और गुलाबी या कालेरंग की वाहन न खरीदें।
अंक-5 अगर आपका मूलांक 5 है तो आपको गाड़ी नंबरका कुल योग 5 रखना चाहिये। 3, 9 या 8 नंबर वाला वाहन ना रखें। हल्के हरे, सफेद अथवा भुरे रंग का वाहन खरीदें। पीले, गुलाबी या काले रंग की वाहन सेहानि हो सकती है।
अंक-6 मूलांक 6 वालों को गाड़ी नंबर का कुल योग 3, 6, या 9 रखना चाहिये। 4 या 8 नंबर से बचें। आपको हल्के नीले, गुलाबी, अथवापीले रंग का वाहन खरीदना चाहिए। काले रंग का वाहन क्रय करने से बचें।
अंक -7 आपकी गाड़ी नंबर का कुल योग 1, 2, 4 या 7 होना चाहिए। 9 या 8 नंबर वालावाहन नही होना चाहिए। नीले, या सफेद रंग का वाहन खरीदें।
अंक-8 इस अंकवालों को अपना गाड़ी नंबर का कुल योग 8 रखना चाहिये। 1 या 4 नंबर वाला वाहनना रखें तो बेहतर होगा. आपका अंक शनि का अंक है। इसलिए आप काले, नीले, अथवा बैगनी रंग के वाहन खरीदें।
अंक-9 मूलांक 9 वाले लोग आपनी गाड़ीनंबर का कुल योग 9, 3, या 6 रखे तो उन्हे अच्छा लाभ मिलता है। 5 या 7 नंबरवाले वाहन से नुकसान हो सकता है। बेहतर होगा आप लाल, या गुलाबी रंग का वाहनखरीदें।
यदि आपने कोई नया वाहन खरीदा हैं और आपके मन में हमेशा यही डरबना रहता है कि आपके या आपके परिवार के किसी भी सदस्य की थोड़ी सी भीलापरवाही से कहीं आपकी नए वाहन का एक्सीडेंट न हो जाए। कई बार हमारे साथऐसा होता है कि नए वाहन खरीदने के कुछ दिनों के भीतर ही कोई एक्सीडेंट होजाता है। वाहन में खराबी आ जाती है। आपको भी चोट लगती है। आपकी अशुभ ग्रहोंकी दशा या अंतरदशा चल रही हैं या अनजाने में आपने अशुभ मुहूर्त में वाहनखरीद लिया हैं, तो घबराए नहीं नीचे लिखे उपाय को अपनाकर आप किसी भी तरह कीवाहन दुर्घटना को टाल सकते हैं।- शनिवार को काले रंग की एक पोटली में कालेतिल, सुपारी और सिन्दूर रखकर उसे अपने वाहन पर आगे की ओर बांध दें। इस उपायको अपनाकर आप अपने वाहन को किसी भी तरह की दुर्घटना से बचा सकते हैं।
9760924411

दुर्गा सप्तशती पाठ विधि

  दुर्गा सप्तशती दुर्गा सप्तशती पाठ विधि पूजनकर्ता स्नान करके, आसन शुद्धि की क्रिया सम्पन्न करके, शुद्ध आसन पर बैठ जाएँ। माथे पर अपनी पसंद क...