Tuesday, 16 April 2019

श्रीदत्तमालामंत्र अथ दत्तमाला प्रारभ्यते . श्रीगणेशाय नमः ॥ पार्वत्युवाच - मालामंत्रं मम ब्रहि प्रिया यस्मादहं तव ॥ ईश्वर उवाच - श्रृणु देवि प्रवक्ष्यामि मालामंत्रमनुत्तमम ‍ ॥ ॥ मूलपाठ ॥ ॐ नमो भगवते दत्तात्रेयाय, स्मरणमात्रसन्तुष्टाय, महाभयनिवारणाय महाज्ञानप्रदाय, चिदानन्दात्मने बालोन्मत्तपिशाचवेषाय, महायोगिने अवधूताय, अनसूयानन्दवर्धनाय अत्रिपुत्राय, सर्वकामप्रदाय ॐ भवबन्धविमोचनाय, आं असाध्यसाधनाय, ऱ्हीं सर्वविभूतिदाय, क्रौं असाध्याकर्षणाय, ऐं वाक्प्रदाय, क्लीं जगत्रयवशीकरणाय, सौः सर्वमनःक्षोभणाय, श्रीं महासंपत्प्रदाय, ग्लौं भूमंडलाधिपत्यप्रदाय, द्रां चिरंजीविने, वषट्वशीकुरु वशीकुरु, वौषट् आकर्षय आकर्षय, हुं विद्वेषय विद्वेषय, फट् उच्चाटय उच्चाटय, ठः ठः स्तंभय स्तंभय, खें खें मारय मारय, नमः संपन्नय संपन्नय, स्वाहा पोषय पोषय, परमन्त्रपरयन्त्रपरतन्त्राणि छिंधि छिंधि, ग्रहान्निवारय निवारय, व्याधीन् विनाशय विनाशय, दुःखं हर हर, दारिद्र्यं विद्रावय विद्रावय, देहं पोषय पोषय, चित्तं तोषय तोषय, सर्वमन्त्रस्वरूपाय, सर्वयन्त्रस्वरूपाय, सर्वतन्त्रस्वरूपाय, सर्वपल्लवस्वरूपाय, ॐ नमो महासिद्धाय स्वाहा || ॥ चतुःशतजपात्सिद्धिः ॥ इति श्रीवड्डोमरेश्वरविरचिता दत्तमाला समाप्ता ॥ *400 बार जाप करनेसे यह मालामंत्र सिद्ध होता है*

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