Tuesday, 16 April 2019

श्रीबगला कीलक-स्तोत्रम्. श्रीबगला कीलक-स्तोत्रम्. ह्लीं ह्लीं ह्लींकार-वाणे, रिपुदल-दलने, घोर-गम्भीर-नादे ! ज्रीं ह्रीं ह्रींकार-रुपे, मुनि-गण-नमिते, सिद्धिदे, शुभ्र-देहे ! भ्रों भ्रों भ्रोंकार-नादे, निखिल-रिपु-घटा-त्रोटने, लग्न-चित्ते ! मातर्मातर्नमस्ते सकल-भय-हरे ! नौमि पीताम्बरे ! त्वाम् ।। १ क्रौं क्रौं क्रौमीश-रुपे, अरि-कुल-हनने, देह-कीले, कपाले ! हस्रौं हस्रौं-सवरुपे, सम-रस-निरते, दिव्य-रुपे, स्वरुपे ! ज्रौं ज्रौं ज्रौं जात-रुपे, जहि जहि दुरितं जम्भ-रुपे, प्रभावे ! कालि, कंकाल-रुपे, अरि-जन-दलने देहि सिद्धिं परां मे ।। २ हस्रां हस्रीं च हस्रैं, त्रिभुवन-विदिते, चण्ड-मार्तण्ड-चण्डे ! ऐं क्लीं सौं कौल-विधे, सतत-शम-परे ! नौमि पीत-स्वरुपे ! द्रौं द्रौं द्रौं दुष्ट-चित्ताऽऽदलन-परिणते, बाहु-युग्म-त्वदीये ! ब्रह्मास्त्रे, ब्रह्म-रुपे, रिपु-दल-हनने, ख्यात-दिव्य-प्रभावे ।। ३ ठं ठं ठंकार-वेशे, ज्वलन-प्रतिकृति-ज्वाला-माला-स्वरुपे ! धां धां धां धारयन्तीं रिपु-कुल-रसनां मुद्गरं वज्र-पाशम् । डां डां डां डाकिन्याद्यैर्डिमक-डिम-डिमं डमरुं वादयन्तीम् ।। ४ मातर्मातर्नमस्ते प्रबल-खल-जनं पीडयन्तीं भजामि । वाणीं सिद्धि-करे ! सभा-विशद-मध्ये वेद-शास्त्रार्थदे ! मातः श्रीबगले, परात्पर-तरे ! वादे विवादे जयम् । देहि त्वं शरणागतोऽस्मि विमले, देवि प्रचण्डोद्धृते ! मांगल्यं वसुधासु देहि सततं सर्व-स्वरुपे, शिवे ! ।। ५ निखिल-मुनि-निषेव्यं, स्तम्भनं सर्व-शत्रोः । शम-परमिहं नित्यं, ज्ञानिनां हार्द-रुपम् । अहरहर-निशायां, यः पठेद् देवि ! कीलम् । स भवति परमेशि ! वादिनामग्र-गण्यः ।। "वक्रतुण्ड महाकाय , सूर्यकोटि समप्रभ ! निर्विघ्नं कुरु मे देव , सर्व कार्येषु सर्वदा" !! श्रीराम ज्योतिष सदन. भारतीय वैदिक ज्योतिष.और मंत्र विशेषज्ञ एवं रत्न परामँश दाता । आप जन्मकुंडली बनवाना ॰ जन्मकुंडली दिखवाना ॰ जन्मकुंडली मिलान करवाना॰ जन्मकुंडली के अनुसार नवग्रहो का उपाय जानना ॰ मंत्रो के माध्यम से उपाय जानना ॰ रत्नो के माध्यम से उपाय जानना और आपकी शादी नही हो रही है। व्यवसाय मे सफलता नही मिल रही है! नोकरी मे सफलता नही मिल रही है। और आप शत्रु से परेशान है। ओर आपके कामो मे अडचन आ रही है । और आपको धन सम्बंधी परेशानी है । और अन्य सभी प्रकार की समस्याओ के लिये संपर्क करें । आपका दैवज्ञश्री पंडित आशु बहुगुणा । पुत्र श्री ज्योतिर्विद पण्डित टीकाराम बहुगुणा । मै केवल जन्मकुण्डली देखकर ही आप की सम्सयाओ का समाधान कर सकता हुँ । अपनी जन्मकुण्डली के अनुकूल विशिष्ट मन्त्र यन्त्र के माध्यम से कायॅ सिद्ध करने के लिये सम्पकॅ करे ।.-- क्या आप निशुल्क परामर्श चाहते हैं ? तो आप मुझसे सम्पकॅ ना करे । ---- संपर्क सूत्र---9760924411

No comments:

अगस्त्य ऋषि कृत सरस्वती स्तोत्रम्

  अगस्त्य ऋषि कृत सरस्वती स्तोत्रम्  देवी सरस्वती को समर्पित एक पवित्र मंत्र है, जिन्हें ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा के रूप में पूजा जाता है। ...