Tuesday, 16 April 2019

व्यापार बंधन मुक्ति का मन्त्र कभी-कभी अचानक ही व्यवसाय चौपट होता हुआ प्रतीत होता है। सम्भव है धन्धे को बरकत तन्त्र मन्त्र से बाँध दी गई हो। अगर ऐसा हो तो इस मन्त्र का प्रयोग किया जाना चाहिए। तुरंत लाभ मिलने लग जाता है। मन्त्रः- ”ओम नमो आदेश गुरू को वावन वार चौसठ सातऊ कलवा पांचऊ वड़वा जिन्न भूत परीत देव दानव दुष्ट मुष्ठ मैली मशाण इन्हीं को कील कील नजर दीठ मूँठ टोना टारे लोना चमारी गाजे या धन्धे दुकान की बरकत को बन्धन न छुड़ावे तो माता हिंगलाज की दुहाई।” विधिः- नवरात्रि में एक हजार जप से उक्त मन्त्र सिद्ध हो जाता है। मन्त्र सिद्धि के समय धूप जलाना चाहिए। मन्त्र सिद्धि के बाद बालकों और कन्याओं को भोजन कराना चाहिए। बँधी हुई दुकान में पाँच नीबुओं को इस मन्त्र से 21 बार अभिमन्त्रित कर एक सूत्र में पिरो कर दुकान में टाँगना चाहिए। सरसों के कुछ दानों पर 21 बार मन्त्र पढ़कर दुकान में डालें।

No comments:

अगस्त्य ऋषि कृत सरस्वती स्तोत्रम्

  अगस्त्य ऋषि कृत सरस्वती स्तोत्रम्  देवी सरस्वती को समर्पित एक पवित्र मंत्र है, जिन्हें ज्ञान, बुद्धि और शिक्षा के रूप में पूजा जाता है। ...