About The Best Astrologer In Muzaffarnagar, India -Consultations by Astrologer Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies , Prashna kundli IndiaMarriage Language: Hindi Experience : Exp: 35 Years Expertise: Astrology , Business AstrologyCareer Astrology ,Court/Legal Issues , Property Astrology, Health Astrology, Finance Astrology, Settlement , Education http://shriramjyotishsadan.in Mob +919760924411
मंगलवार, 16 अप्रैल 2019
कोई परिवार संपन्न है। बच्चे ऐश्वर्यवान, विद्यावान व सर्वगुण संपन्न हैं। उनकीसज्जनता का उदाहरण सारा समाज देता है। बच्चे शादी के योग्य हो गए हैं, फिर भी उनकी शादी में अनावश्यक रुकावटें आने लगती हैं। ऐसा क्यों होता है? आपके पड़ोस के एक परिवार में पति-पत्नी में अथाह प्रेम है। दोनों एक दूसरे के लिए पूर्ण समर्पित हैं। आपस में एक दूसरे का सम्मान करते हैं। अचानक उनमें कटुता व तनाव उत्पन्न हो जाता है। जो पति-पत्नी कल तक एक दूसरे के लिए पूर्ण सम्मान रखते थे, आज उनमें झगड़ा हो गया है। स्थिति तलाक की आ गई है। आखिर ऐसा क्यों हुआ? हमारे घर के पास हरा भरा फल-फूलों से लदा पेड़ है। पक्षी उसमें चहचहा रहे हैं। इस वृक्ष से हमें अच्छी छाया और हवा मिल रही है। अचानक वह पेड़ बिना किसी कारण के जड़ से ही सूख जाता है। निश्चय ही हमें भय की अनुभूति होगी और मन में यह प्रश्न उठेगा कि ऐसा क्यों हुआ? हमें अक्सर बहुत से ऐसे प्रसंग मिल जाएंगे जो हमारी और हमारे आसपास की व्यवस्था को झकझोर रहे होंगे, जिनमें क्यों'' की स्थिति उत्पन्न होगी। विज्ञान ने एक नियम प्रतिपादित किया है कि हर क्रिया की प्रतिक्रिया होती है। हमें निश्चय ही मनन करना होगा कि उपर्युक्त घटनाएं जो हमारे आसपास घटित हो रही हैं, वे किन क्रियाओं की प्रतिक्रियाएं हैं? हमें यह भी मानना होगा कि विज्ञान की एक निश्चित सीमा है। अगर हम परावैज्ञानिक आधार पर इन घटनाओं को विस्तृत रूप से देखें तो हम निश्चय ही यह सोचने पर विवश होंगे कि कहीं यह बंधन या स्तंभन की परिणति तो नहीं है ! यह आवश्यक नहीं है कि यह किसी तांत्रिक अभिचार के कारण हो रहा हो। यह स्थिति हमारी कमजोर ग्रह स्थितियों व गण के कारण भी उत्पन्न हो जाया करती है। हम भिन्न श्रेणियों के अंतर्गत इसका विश्लेषण कर सकते हैं। इनके अलग-अलग लक्षण हैं। इन लक्षणों और उनके निवारण का संक्षेप में वर्णन यहां प्रस्तुत है। कार्यक्षेत्र का बंधन, स्तंभन या रूकावटें दुकान/फैक्ट्री/कार्यस्थल की बाधाओं के लक्षण • किसी दुकान या फैक्ट्री के मालिक का दुकान या फैक्ट्री में मन नहीं लगना। • ग्राहकों की संख्या में कमी आना। • आए हुए ग्राहकों से मालिक का अनावश्यक तर्क-वितर्क-कुतर्क और कलह करना। • श्रमिकों व मशीनरी से संबंधित परेशानियां। • मालिक को दुकान में अनावश्यक शारीरिक व मानसिक भारीपन रहना। • दुकान या फैक्ट्री जाने की इच्छा न करना। • तालेबंदी की नौबत आना। • दुकान ही मालिक को खाने लगे और अंत में दुकान बेचने पर भी नहीं बिके।
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