Tuesday, 16 April 2019

मंत्र ॐ चौकी हनुमत बीर की ,वाण ध्वजा फहराए | मारू मारू मारुत सूत, मुष्टिक शत्रु नसाय | मेरे इष्ट राम चन्द्र जी , अगुआ हनुमंत वीर | चौक सुदर्शन चक्र की , रक्षा करे शरीर | टोना ब्रह्म भूत प्रेत संग , डायन डाइ | सांप बिच्छू चोर बात ,सबकुछ निष्फल जाइ |

No comments:

नवदुर्गोपनिषत् उक्तं चाथर्वणरहस्ये ।

  नवदुर्गोपनिषत् उक्तं चाथर्वणरहस्ये । विनियोगः- ॐ अस्य श्रीनवदुर्गामहामन्त्रस्य किरातरुपधर ईश्वर ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, अन्तर्यामी नारायणः ...