मंगलवार, 16 अप्रैल 2019

संतान गोपाल मन्त्र संतान के बिना गृहस्थ जीवन की खुशिययां अधूरी हो जाती हैं। धर्म के नजरिए से गृहस्थ जीवन की चार पुरूषार्थ में से एक काम की प्राप्ति में अहम भूमिका है। यही कारण है कि हर दंपत्ति संतान प्राप्ति की कामना करते हैं। आज के दौर में जहां पुत्रियां भी किसी भी क्षेत्र में पुत्रों से कम नहीं है। फिर भी अक्सर परंपराओं और धर्म से जुड़ी मान्यताओं के चलते हर कोई पुत्र कामना करता है। किंतु कभी-कभी यह देखा जाता है कि शारीरिक समस्या या किसी घटना के कारण संतान प्राप्ति में बाधाएं आती है, जो परिवार के माहौल में मायूसी और दु:ख पैदा करते हैं। शास्त्रों में संतान कामना को पूरा करने के ऐसे ही उपाय बताए गए हैं, जिनसे बिना किसी ज्यादा परेशानी या आर्थिक बोझ के मनचाही खुशियां मिलती हैं। यह उपाय है संतान गोपाल मन्त्र का जप। स्वस्थ्य, सुंदर संतान खासतौर पर पुत्र प्राप्ति के लिए यह मंत्र पति-पत्नी दोनों के द्वारा किया जाना बेहतर नतीजे देता है। पति-पत्नी दोनों सुबह स्नान कर पूरी पवित्रता के साथ इस मंत्र का जप तुलसी की माला से करें। इसके लिए घर के देवालय में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति या चित्र की चन्दन, अक्षत, फूल, तुलसी दल और माखन का भोग लगाकर घी के दीप व कर्पूर से आरती करें। बालकृष्ण की मूर्ति विशेष रूप से श्रेष्ठ मानी जाती है। भगवान की पूजा के बाद या आरती के पहले इस संतान गोपाल मंत्र का जप करें - देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते। देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गत: मंत्र जप के बाद भगवान से समर्पित भाव से निरोग, दीर्घजीवी, अच्छे चरित्रवाला, सेहतमंद पुत्र की कामना करें। यह मंत्र जप पति या पत्नी अकेले भी कर सकते हैं। धार्मिक मान्यताओं में इस मंत्र की 55 माला या यथाशक्ति जप के एक माह में चमत्कारिक फल मिलते हैं। .............

कोई टिप्पणी नहीं:

astroashupandit

Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies , Prashna kundli Indi...