Saturday, 17 August 2019

ताबीज से लाभ


ताबीज़ से  लाभ ले।


१-वशीकरण –
जो भी व्यक्ति शूकर-दंत की सिद्ध ताबीज अपने गले में धारण करता है वह किसी को भी अपने वश में कर सकता है पर इसका उपयोग आप किसी व्यक्ति के अनहित के लिए नहीं कर सकते।
२- कोर्ट कचहरी –
यदि आपका कोई मुकदमा फंसा हो और आपको कोई परिणाम नहीं मिल रहा हो जिस कारण आप काफी परेशान होते हो तो आपको इस ताबीज से निश्चित लाभ होगा और आपकी विजय होगी।
३-रोग निदान-
यदि आप किसी रोग से ग्रसित हो और आपको किसी डॉक्टर हकीम यह किसी भी प्रकार की दवाओं से आराम नहीं मिल रहा हो तो आप यह ताबीज धारण करें आप के सभी रोग नष्ट हो जाएंगे और आप को कभी स्वप्नदोष नहीं होगा एवं आप एक स्वस्थ सुंदर शरीर के मालिक हो जाएंगे ।
४-शत्रु नाश –
शूकर-दंत की ताबीज़ धारण करने वाले व्यक्ति की सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं उसको किसी चीज की चिंता नहीं रहती एवं उसके सभी शत्रु स्वयं ही नष्ट हो जाएंगे और आपको कभी परेशान नहीं कर पाएंगे।
५-व्यापार –
आपका व्यापार यदि मंदा चल रहा हो उसमें वृद्धि ना हो रही हो पैसा फसा हो या कोई अन्य समस्या हो तो इस शूकर दंत ताबीज को धारण करने से सभी समस्याएं समाप्त हो जाती हैं और व्यापार में वृद्धि दिखने लगती है । यदि आप ताबीज नहीं धारण कर पा रहे हैं तो शूकर-दंत को अपने व्यापार स्थल या कार्यस्थल के बाहर लगाने से भी लाभ होगा।
६- घृह क्लेश –
आपके घर में यदि आए दिन झगड़ा होता हो या शांति की कमी हो जिस कारण आप परेशान हो रहे हो एवं इसी कारण आपको घर में वृद्धि ना दिख रही हो तो मात्र इस ताबीज को धारण करने से घर में शांति सुख एवं धन की वर्षा होने लगती है ।
७- प्रेत बाधा –
यदि आपके घर में भूत-प्रेत का साया हो या आपके घर में कोई व्यक्ति किसी आत्मा द्वारा पीड़ित हो तो उसके लिए आपको सिद्ध शूकर-दंत लेकर उस व्यक्ति के पुराने कपड़े पर लपेटकर बहते हुए जल में प्रवाहित करना चाहिए जिससे आपके घर की सभी प्रेत बाधाएं समाप्त हो जाएंगी।
८- शिक्षा –
यदि आप किसी परीक्षा की तैयारी कर रहे हो और बार-बार आपको उसमें नाकामी ही मिल रही हो जिस कारण आपका मन विचलित होने लगा हो तो आप इस शूकर-दंत ताबीज को धारण करने से लाभ होगा आपका मन एकाग्र होगा एवं सफलता प्राप्त होगी।
९- प्रेम सबन्ध-
यदि आप किसी से प्रेम करते हैं और उससे विवाह करना चाहते हैं पर समस्याएं आ रही हो तो इस शूकर-दंत को मंत्रो द्वारा सिद्ध करके पहने ।

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