Saturday, 1 February 2025

श्री सरस्वती

 


श्री सरस्वती

ॐ ऐं श्रीं क्लीं ब्रहमाण्यै नमः ।

ॐ ऐं वाग्देव्यै ऐं नमः।

ॐ ह्रीं श्रीं क्रीं ऐंं शारदायै नमः।

ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं ह्रसौ: भारत्यै नमः।

ॐ ह्रीं श्रीं ऐं क्लीं सौ: त्रिपुरा सरस्वत्यै नमः।

ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ऐं महासरस्वत्यै नमः।

ॐ ब्रहमाण्यै च विदमहे महाशक्त्यै धीमहि तन्नो देवी:

प्रचोदयात्।

हंसयुक्तविमानस्थे ब्रह्माणी रूपधारिणी ।
कौशांभहक्षरीके देवी नारायणी नमोऽस्तु ते ॥
हंस-युक्त-विमान-स्थे ब्रह्मन्नि-रूपा-धारिणी |
कौशंभः-क्षरिका देवी नारायणी नमोस्तुते।।

अर्थ:

1:हे नारायणी आपको नमस्कार है। जो देवी ब्रह्माणी का रूप धारण करती है और हंसों से युक्त दिव्य रथ की सवारी करती है , 2: और कुश घास के साथ जल छिड़कती है ; हे देवी ; हे नारायणी, आपको नमस्कार है ।

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