Saturday, 28 September 2024

महाकष्ट (महाबाधा)_निवारकमन्त्र! (पद्मपुराण)

महाकष्ट (महाबाधा)_निवारकमन्त्र! (पद्मपुराण)
   *हरं हरिं हरिश्चन्द्रं हनूमन्तं हलायुधम्।
पञ्चकं वै स्मरेन्नित्यं घोरसङकट नाशनम्॥१॥
रामं स्कन्दं हनूमन्तं वैनतेयं वृकोदरम्।
पञ्चैतान् संस्मरेन्नित्यं भवबाधा विनश्यति॥२॥
रामलक्ष्मणौ सीता च सुग्रीवो हनुमान् कपि:।
पञ्चैतान् स्मरतो नित्यं महाबाधा प्रमुच्यते॥३॥
कष्टके अनुसार किसी भी एक या तीनों मन्त्रों की नित्य एक या अधिक माला जपकरें, अवश्य ही शांति का अनुभव होगा।आपत् कालमें कहीं भी, किसीभी समय, सतत जप आये हुए कष्ट से मुक्ति प्रदान करेगा।

श्रीराम ज्योतिष सदन पंडित आशु बहुगुणा

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