शुक्रवार, 29 अप्रैल 2022

शनिचरी अमावस्या 2022

वैशाख माह की अमावस्या तिथि कल यानी 30 अप्रैल दिन शनिवार को है। शनिचरी अमावस्या कृष्ण पक्ष की उस अमावस्या को कहते है। जो शनिवार के दिन पड़ती है। हिंदू धर्म में शनिश्चरी अमावस्या का विशेष महत्व व प्रभाव होता है। जिन जातकों पर शनि की महादशा हो उनके लिए यह शनिश्चरी अमावस्या अति लाभदायक होगी।
मान्यता है। कि इस दिन शनिदेव की विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर शनि की महादशा के प्रभाव से बचा जा सकता है। यदि आप शनि देव को प्रसन्न करना चाहते है। और उनकी कृपा प्राप्त करना चाहते है। साथ ही अपने पितरों को खुश करना चाहते है। तो नीचे दिए गए कुछ उपायों को करें। इन उपायों को करने से शनि देव और पितर दोनों प्रसन्न होते हैं। उनकी प्रसन्नता से मान सम्मान, सुख-समृद्धि, धन-वैभव आदि की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों में अमावस्या तिथि को पितरों को समर्पित माना गया है। अमावस्या तिथि को पितरों से जुड़े किसी भी काम को करने के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। साथ ही इस दिन पूजा-पाठ, स्नान, दान आदि का भी विशेष महत्व बताया गया है।1. शनि अमावस्या के दिन शनिदेव की बजरंगबली की भी पूजा की जाती है। मान्यता है। कि ऐसा करने से शनिदेव व बजरंगबली की भक्तों पर कृपा बनी रहती है। शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनि अमावस्या के दिन हनुमान चालीसा का पाठ जरूर करना चाहिए।
2. शनि अमावस्या के दिन हनुमान जी के दर्शन और उनकी भक्ति करने से शनि के सभी दोष समाप्त हो जाते है। और बाधाओं से मुक्ति मिलती है।
3. शनि अमावस्या के दिन सातमुखी रूद्राक्ष को गंगाजल से धोकर धारण करना चाहिए। मान्यता है। कि ऐसा करने से समस्याओं से मुक्ति मिलती है।
4. शनि अमावस्या के दिन दान करने से तरक्की मिलने की मान्यता है।
5. शनि अमावस्या के दिन शाम को पीपल के पेड़ के नीचे चौमुखा दीपक जलाने से धन-संपदा की प्राप्ति होती है।ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि अमावस्या के दिन काली गाय की पूजा करें। ध्यान रखें कि उस गाय पर कोई रंग न हो। पूजा के दौरान उसको आठ बूंदी के लड्डू खिलाए और फिर सात बार परिक्रमा करें। इसके बाद गाय की पूंछ से अपने सिर को आठ बार झाड़ लें। ऐसा करने से शनि दोष दूर होता है। और शनिदेव के आशीर्वाद से सभी दुख व कष्ट दूर होते हैं।
शनिश्चरी अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की अवश्य पूजा करें। पीपल की जड़ में दूध और जल अर्पित करें और फिर पांच पीपल के पत्तों पर पांच तरह की मिठाई रखकर पीपल के पास रख दें, इसके बाद घी का दीपक जलाएं और सात परिक्रमा लगाएं। साथ ही संभव हो सके तो एक पीपल का पेड़ भी लगाएं और उसको रविवार के दिन छोड़कर हर रोज जल दें। ऐसा करने से शनि दोष से मुक्ति मिलती है। और नौकरी व व्यवसाय में उन्नति होती है। शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए शनि अमावस्या के दिन नवग्रह मंदिर में जाकर शनिदेव की पूजा आराधना करें। साथ ही शनि चालीसा और दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। और फिर शनिदेव के मंत्र का जप करें। इसके बाद शनिदेव पर तेल, काले तिल और नीले रंग का फूल अर्पित करें। ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते है। और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।

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