गढवाल की वनौषधीय वनस्पति
खैर, बबूल, वज्रदंती
,
मूसली, आंवला
,
बेहडा , हरड़, पाटी
,
कंटेल़ा, सतावरी
,
गिलोय , पिस्सू-घास, जयंत, मदार, अमलतास, तेज, करेली, इन्द्रायण
,
पोस्ट, भांग, ब्रह्म्बूटी , वकायन,नीम, गुलाबांस
,
हरसिंगार, अश्वगंधा, शंखपुष्पी, धौलू
,
सिंगरी, चित्रा, ममेला,मरोड़फली
अतीस,
मीठा, मासी
,
ग्गुग्ग्ल, कुटकी, अष्टवर्ग, लहसुनिया, , सालमपंजा, मेदा, , महामेदा, पाषाणभेद, , सूमया, वन
काखडि
, चोरु , रत्न, ज्योति, , विषकोया, , चंद्रा, कॉल, ममीरी, चीरता, फरण
,
निर्देशी, , कल्याणी, कल्यारी, वनस्पा,वासा, दारु, चिरायता, अदरक, जीवक, रिश्भ्क, काकोली, क्षीर, रिधि, कचनार, जायफल, खदिर, नागरमोथा, मालकंगनी, काकोली, आपामर्ग, द्रोणपुष्पि, विदारीकन्द, जटामोंसी, भल्लातक, निर्गुन्डी, रीठा, मुलैठी, ब्रिधिकबीला, गुलबंफला, शतावरी, दालचीनी, सालाम्मिश्री,