होली 2022- 18 या 19 मार्च को कब है। होली ? सही डेट और होलिका दहन का शुभ मुहूर्त जान लें ।
इस बार होली की तारीख को लेकर लोग कंफ्यूज हो रहे हैं। वहीं पूर्णिमा वाले दिन भद्राकाल होने से होलिका दहन के शुभ समय को लेकर भी उलझन है। ऐसे में होलिका दहन के सही मुहूर्त के साथ यह जानना ।
होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को किया जाता है। होलिका दहन के दिन को कई जगहों पर छोटी होली के नाम से भी जाना जाता है। होलिका दहन केे अगले दिन होली का त्योहार मनाया जाता है। जिसमें रंग-अबीर की होली खेली जाती है। इस बार भद्राकाल के कारण होलिका दहन के शुभ समय को लेकर लोग संशय में हैं। वहीं प्रतिपदा तिथि को लेकर होली की तारीख में भी उलझन में हैं। आप भी इसी उलझन में हैं। तो जान लें कि कब मनाई जाएगी होलिका दहन का शुभ समय
इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है। साथ ही पूर्णिमा तिथि पर भद्राकाल होने के कारण लोगों में होली और होलिका दहन को लेकर संशय की स्थिति है। हिंदू धर्म ग्रन्थों के अनुसार, होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में सूर्यास्त के बाद करना चाहिए लेकिन यदि इस बीच भद्राकाल हो, तो भद्राकाल में होलिका दहन नहीं करना चाहिए इसके लिए भद्राकाल के समाप्त होने का इंतजार करना चाहिए होलिका दहन के लिए भद्रामुक्त पूर्णिमा तिथि का होना बहुत जरूरी है। हिंदू शास्त्रों में भद्राकाल को अशुभ माना गया है। ऐसी मान्यता है। कि भद्राकाल में किया गया कोई भी काम सफल नहीं होता और उसके अशुभ परिणाम मिलते हैं।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
ज्योतिष के अनुसार पूर्णिमा तिथि 17 मार्च 2022 को दोपहर 01:29 बजे से शुरू होकर 18 मार्च दोपहर 12:52 मिनट तक रहेगी ।
जबकि 17 मार्च को ही 01:20 बजे से भद्राकाल शुरू हो जाएगा और देर रात 12:57 बजे तक रहेगा ऐसे में भद्राकाल होने के कारण शाम के समय होलिका दहन नहीं किया जा सकेगा ।
चूंकि होलिका दहन के लिए रात का समय उपर्युक्त माना गया है। ऐसे में 12:57 बजे भद्राकाल समाप्त होने के बाद होलिका दहन संभव हो सकेगा ।
रात के समय होलिका दहन करने के लिए शुभ समय 12:58 बजे से लेकर रात 2:12 बजे तक है। इसके बाद ब्रह्म मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी ।
होली कब है। इस बात को लेकर भी इस बार लोगों के मन में संशय है। इस बार पूर्णिमा तिथि 17 मार्च से शुरू होकर 18 मार्च को दोपहर 12:52 मिनट तक रहेगी इसके बाद प्रतिपदा तिथि लग जाएगी और प्रतिपदा तिथि 19 मार्च को दोपहर 12:13 बजे तक रहेगी रंगों की होली प्रतिपदा तिथि में ही खेली जाती है। ऐसे में कुछ लोग रंगोत्सव के लिए 18 मार्च को सही तिथि मान रहे हैं। वहीं कुछ लोग उदया तिथि को मानते हुए 19 मार्च को लेकिन इस मामले में पंडित आशु बहुगुणा कहते हैं। कि पूर्णिमा तिथि में चूंकि चंद्रमा का महत्व होता है। इसलिए इसमें उदय काल का महत्व नहीं माना जाता ऐसे में पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को ही मान्य होगी और 17 मार्च की रात को होलिका दहन के बाद 18 मार्च को प्रतिपदा तिथि में रंगों की होली खेली जा सकेगी ।
वहीं कुछ कुछ जगहों पर 18 और 19 मार्च को दोनों दिन रंगों की होली खेली जाएगी
9760924411
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