अभिचार-कर्म नाशक :साबर साधना
साधना तो बेहद आसान है,साधना काल मे ब्रम्हचैर्यत्व आवश्यक है,माला रुद्राक्ष का हो,धोती और आसन भगवे एवं लाल रंग का हो,दीपक मे सिर्फ देशी घी होना चाहिये,लोबान का धूप जलाओ,साधना से पूर्व गणेश जी ,गुरुजी और दत्त-महाप्रभुजी का पूजन आवश्यक है॰
निम्न मंत्र का जाप किसि भी शनिवार से करे,यह साधना 11 दिन का है,साधना शाम के समय करना अनुकूल है,साधना मे नित्य 108 बार मंत्र जाप आवश्यक है,मंत्र का जब भी स्वयं के लिए प्रयोग करना हो तो 7 बार मंत्र बोलकर जल पे 3 बार फुक मारे और जल को ग्रहण करले दूसरे व्यक्ति के लिये भि यही विधान है,अगर प्रयोग आपके सामने किया जा रहा हो तो तुरंत ही ७ बार मंत्र बोलकर अपने सिने पे ३ फुक मारले...
तो तंत्र-मंत्र का असर नष्ट होता है और किया गया तंत्र-मंत्र करनेवाले पे वापस लौट जाता है......
मंत्र-
जल बाँधो,जलाजल बाँधो । जल के बाँधो कीरा,नौ नगर के राजा बाँधो,टोना के बाँधो जंजीरा । धरमदास कबीर, चकमक धुरी धर के काटे जाम के जूरी । काकर फूँके, मोर फूँके । मोर गुरु धरमदास के फूँके, जिहा से आय हस, वही चले जा, सत गुरु,सत कबीर ।
साधना तो बेहद आसान है,साधना काल मे ब्रम्हचैर्यत्व आवश्यक है,माला रुद्राक्ष का हो,धोती और आसन भगवे एवं लाल रंग का हो,दीपक मे सिर्फ देशी घी होना चाहिये,लोबान का धूप जलाओ,साधना से पूर्व गणेश जी ,गुरुजी और दत्त-महाप्रभुजी का पूजन आवश्यक है॰
निम्न मंत्र का जाप किसि भी शनिवार से करे,यह साधना 11 दिन का है,साधना शाम के समय करना अनुकूल है,साधना मे नित्य 108 बार मंत्र जाप आवश्यक है,मंत्र का जब भी स्वयं के लिए प्रयोग करना हो तो 7 बार मंत्र बोलकर जल पे 3 बार फुक मारे और जल को ग्रहण करले दूसरे व्यक्ति के लिये भि यही विधान है,अगर प्रयोग आपके सामने किया जा रहा हो तो तुरंत ही ७ बार मंत्र बोलकर अपने सिने पे ३ फुक मारले...
तो तंत्र-मंत्र का असर नष्ट होता है और किया गया तंत्र-मंत्र करनेवाले पे वापस लौट जाता है......
मंत्र-
जल बाँधो,जलाजल बाँधो । जल के बाँधो कीरा,नौ नगर के राजा बाँधो,टोना के बाँधो जंजीरा । धरमदास कबीर, चकमक धुरी धर के काटे जाम के जूरी । काकर फूँके, मोर फूँके । मोर गुरु धरमदास के फूँके, जिहा से आय हस, वही चले जा, सत गुरु,सत कबीर ।
No comments:
Post a Comment