Saturday, 5 January 2013

श्री हनुमान सिद्धि के लिए

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श्री हनुमान सिद्धि के लिए

 

मन्त्रः- “ नमो देव लोक दिविख्या देवी, जहाँ बसे इस्माईल योगी छप्पन भैरों, हनुमन्त वीर, भूत-प्रेत दैत्य को मार, भगावें पराई माया ल्यावें लाडू पेड़ा बरफी सेव सिंघाड़ा पाक बताशा मिश्री घेवर बालूसाई लोंग डोडा इलायची दाना तेल देवी काली के ऊपर हनुमन्त गाजै ।।

एती वस्तु मैं चाहि लाव, लावे तो तैंतीस कोट देवता लावें मिरची जावित्री जायफल हरड़े जंगी-हरड़े बादाम छुहारा मुखरें रामवीर तो बतावैं बस्ती लक्ष्मण वीर पकड़ावे हाथ भूत-प्रेत के चलावें हाथ

हनुमन्त वीर को सब कोउ गावै सौ कोसां का बस्ता लावे, लावें तो एक लाख अस्सी हजार पीर-पैगम्बर लावें शब्द सांचा, फुरे मन्त्र ईश्वरो वाचा

विधिः- इस मन्त्र का जप किसी निर्जन स्थान में, कोई अन्धा कुंआ के ऊपर बैठकर करें, सर्व-प्रथम वहां से शुद्ध मिट्टी लेकर उसमें लाल रंग या सिंदूर मिला कर हनुमान जी की प्रतिमा बनावें, फिर उस पर सिन्दूर का चोला चढ़ा कर मन्त्र में कही सामग्री उस प्रतिमा के समक्ष रख कर इस मन्त्र का २१ दिन तक प्रतिदिन रात्रि में माला जप करें, तो हनुमान जी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष किसी भी रुप में दर्शन देकर उसकी समस्त अभिलाषाएं पूर्ण करते हैं

2. भैरव वशीकरण मन्त्र

१॰ॐनमो रुद्राय, कपिलाय, भैरवाय, त्रिलोक-नाथाय, ह्रीं फट् स्वाहा

विधिः- सर्व-प्रथम किसी रविवार को गुग्गुल, धूप, दीपक सहित उपर्युक्त मन्त्र का पन्द्रह हजार जप कर उसे सिद्ध करे फिर आवश्यकतानुसार इस मन्त्र का १०८ बार जप कर एक लौंग को अभिमन्त्रित लौंग को, जिसे वशीभूत करना हो, उसे खिलाए

 

२॰ नमो काला गोरा भैरुं वीर, पर-नारी सूँ देही सीर गुड़ परिदीयी गोरख जाणी, गुद्दी पकड़ दे भैंरु आणी, गुड़, रक्त का धरि ग्रास, कदे छोड़े मेरा पाश जीवत सवै देवरो, मूआ सेवै मसाण पकड़ पलना ल्यावे काला भैंरु लावै, तो अक्षर देवी कालिका की आण फुरो मन्त्र, ईश्वरी वाचा

विधिः- २१,००० जप आवश्यकता पड़ने पर २१ बार गुड़ को अभिमन्त्रित कर साध्य को खिलाए

 

३॰ भ्रां भ्रां भूँ भैरवाय स्वाहा भं भं भं अमुक-मोहनाय स्वाहा

विधिः- उक्त मन्त्र को सात बार पढ़कर पीपल के पत्ते को अभिमन्त्रित करे फिर मन्त्र को उस पत्ते पर लिखकर, जिसका वशीकरण करना हो, उसके घर में फेंक देवे या घर के पिछवाड़े गाड़ दे यही क्रियाछितवनयाफुरहठके पत्ते द्वारा भी हो सकती है

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