About The Best Astrologer In Muzaffarnagar, India -Consultations by Astrologer Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies , Prashna kundli IndiaMarriage Language: Hindi Experience : Exp: 35 Years Expertise: Astrology , Business AstrologyCareer Astrology ,Court/Legal Issues , Property Astrology, Health Astrology, Finance Astrology, Settlement , Education http://shriramjyotishsadan.in Mob +919760924411
मंगलवार, 16 अप्रैल 2019
श्री बटुक भैरव अपराध क्षमा पन स्तोत्र ॐ गुरोः सेवा व्याकत्वा गुरुबचन शकतोपि न भवे भवत्पुजा – ध्यानाज्ज्प हवन –यागा दिरहित : ! त्व्दर्चा- निर्माणे क्वचिदपि न यत्नं च कृतवान , जग ज्जाल-ग्रस्तों झटितिकुरु हादर मायि विभो !! 1 !! प्रभु दुर्गा सुनो ! तव शरणतां सोयधिगतवान , कृपालों ! दुखार्त: कमपि भवदन्नयं प्रकथये ! सुहृत ! सम्पतेयहं सरल –विरल साधक जन , स्तवदन्य: क्स्त्राता भव-दहन –दाहं शमयति !!2!! वदान्यों मन्यसत्वं विविध जनपालों वभसि वै , दयालुर्दी नर्तान भवजलधिपारम गमयसि ! अतस्त्वतो याचे नति- नियमतोयकिञ्च्नधन , सदा भूयात भावः पदनलिनयोस्ते तिमिरहा !!3!! अजापूर्वो विप्रो मिलपदपरो योयतिपतितो , महामूर्खों दुष्टो वृजननिरत: पामरनृप: ! असत्पाना सक्त्तो यवन युवती व्रातरमण, प्रभा वातत्वन्नान्म: परमपदवी सोप्याधिगत !!4!! द्यां दीर्घाम दीने बटुक ! कुरु विश्वम्भर मयी, न चन्यस्संत्राता परम शिव मां पलाया विभो ! महाशचर्याम प्राप्तस्त्व सरलदृष्टच्या विरहित: , कृपापूर्णेनेत्रे: कजदल निर्भेमा खचयतात !!5!! सहस्ये किं हंसो नहि तपति दीनं जनचयम, घनान्ते किं चंर्दोंयसमकर- निपातो भुवितले! कृपादृष्टे स्तेहं भयहर भिवों किं विरहितों, जले वा हमर्ये वा घनरस- निपातो न विषम!!6!! त्रिमूर्तित्वं गीतों हरिहर- विधात्मकगुणो ! निराकारा: शुद्ध: परतरपर: सोयप्यविषय: , द्या रूपं शान्तम मुनिगननुतं भक्तदायितं !!7!! तपोयोगं संख्यम यम-नियम –चेत: प्रयजनं, न कौलाचर्चा-चक्रम हरिहरविधिनां प्रियतरम! न जाने ते भक्तिम परममुनिमार्गाम मधु विधि, तथाप्येषा वाणी परिरटति नित्यं तव यश :!!8!! न मे कांक्षा धर्मे न वसुनिच्ये राज्य निवहे: , न मे स्त्रीणा भोगे सखि-सुत-कटुम्बेषु न च मे! यदा यद्द्द भाव्यं भवतु भगवन पूर्वसकृतान , ममैत्तू प्रथर्यम तव विमल- भक्ति: प्रभवतात!!9!! कियांस्तेस्मदभार: पतित पतिता स्तारयासि भो, मद्न्य: क: पापी ययन बिमुख पाठ रहित :! दृढ़ो मे विश्वासस्तव नियति रुद्धार विषय:, सदा स्याद विश्र्म्भ: कवचिदपि मृषा माँ च भवतात!!10!! भवदभावादभिन्नो व्यसन- निरत: को मदपरो , मदान्ध: पाप आत्मा बटुक !शिव ! ते नाम रहित ! उदरात्मन बन्धो नहि तवकतुल्य: कालुपहा , पुनः संचिन्त्यैवं कुरु हृदि यथेच्छसि तथा !!11!! जपान्ते स्नानांते हमुषसि च निशिथे जपति यो , महा सौख्यं देवी वितरति नु तस्मै प्रमुदित:! अहोरात्रम पाशर्वे परिवसति भकतानु गमनों , वयोन्ते संहृष्ट: परिनियति भकतानस्व भुवनम !!12!!
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
श्री बगलामुखी यन्त्रम्
श्री बगलामुखी यन्त्रम् यह एक अत्यंत शक्तिशाली और पूजनीय यंत्र है जो देवी बगलामुखी को समर्पित है, जो दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी हैं। ...

-
ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र ॐ अस्य श्री बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मन्त्रस्य सप्त ऋषिः ऋषयः , मातृका छंदः , श्री बटुक भैरव ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें