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Tuesday, 16 April 2019
दक्षिणा वर्ती गणेश उपासना ... भगवान गणेश के स्वरुप से भला कौन नहीं परिचित होगा..उनकी मधुर मुस्कान युक्त वरदायक छबि मानो हमारे हर मगलदायक कार्यों को अपना आशीर्वाद दे ही रही हैं .. और धन आये हमारे जीवन मे . उससे पहले कहीं ज्यदा आवश्यक हैं की उस धन का सदुपयोग करने लायक बुद्धि हो हमारे पास ..नहीं तो धन के जाने में कितना समय लगेगा . जब व्यक्ति के पास अनायास काफी धन आया पर वह उसे धन को रोकने के लिए भगवान गणपति की साधना उपासना से बढ़कर और कुछ भी नही हैं . और आजकल धन आगमन बना रहे इस हेतु दक्षिणा वर्ती शंख का तो घर घर में स्थापन हो गया हैं फिर वह चाहे छोटा या बड़ा ही शंख ही क्यों न हो.....और उचित प्राण प्रतिष्ठित दक्षिणा वर्ती शंख की महत्वता से तो सभी परिचित हैं ही . पर कहीं से आपको यदि दक्षिणावर्ती गणेश प्रतिमा मिल जाए तो आपके भाग्य का क्या कहना .. पर दक्षिणा वर्ती गणेश ..??? यह तो सुना ही नहीं .. यहाँ मतलब हैं भगवान गणेश की सूंड के घुमाव से हैं साधारणतः जो भी प्रतिमा उनकी प्राप्त होती हैं .उसमे उनकी सूंड का घुमाव सीधा होता हैं या उत्तर दिशा की ओर ..... पर किसी के भाग्य हैं जो उसे ऐसी प्रतिमा मिल जाए जिसमे उनकी सूंड का घुमाव उलटी दिशा में हो मतलब दक्षिण में . .तब बस उस प्रतिमा का स्थापन करे और जैसा भी और जो भी साधना भगवान गणेश की इस अद्भुत प्रतिमा के सामने करे ..उसे कई गुना लाभ मिलना चालू हो जायेंगे .. अनेको अपने देश के उच्च तंत्र साधको का कहना रहा हैं उन्होंने कई बार ऐसी प्रतिमा का निर्माण स्वयं कराया पर .हर बार जब भी दक्षिण दिशा की तरफ मुडी हुयि सूंड बनबाई गयी हर बार वह टूट ही गयी .. पर उन सभी का मानना यह भी हैं की हज़ारों लाखो में किसी किसी को ऐसी प्रतिमा का मिल जाना उसके परम भाग्य का प्रतीक हैं ..तो मित्रों देखिये शायद आपके घर में ही तो पहले से ऐसी प्रतिमा नहीं हैं,,अगर हैं तो विधि विधान से उसका पूजन कर अपन जीवन को यश लाभ युक्त बनाये .. या अभी तक कोई भी भगवान गणेश की प्रतिमा नहीं हैं तब खोज करे शायद ऐसा विग्रह आपको कहीं पर मिल ही जाए।
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