About The Best Astrologer In Muzaffarnagar, India -Consultations by Astrologer Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies , Prashna kundli IndiaMarriage Language: Hindi Experience : Exp: 35 Years Expertise: Astrology , Business AstrologyCareer Astrology ,Court/Legal Issues , Property Astrology, Health Astrology, Finance Astrology, Settlement , Education http://shriramjyotishsadan.in Mob +919760924411
मंगलवार, 16 अप्रैल 2019
बंधी दूकान कैसे खोलें ? कभी-कभी देखने में आता है कि खूब चलती हुई दूकान भी एकदम से ठप्प हो जाती है । जहाँ पर ग्राहकों की भीड़ उमड़ती थी, वहाँ सन्नाटा पसरने लगता है । यदि किसी चलती हुई दुकान को कोई तांत्रिक बाँध दे, तो ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है, अतः इससे बचने के लिए निम्नलिखित प्रयोग करने चाहिए - १॰ दुकान में लोबान की धूप लगानी चाहिए । २॰ शनिवार के दिन दुकान के मुख्य द्वार पर बेदाग नींबू एवं सात हरी मिर्चें लटकानी चाहिए । ३॰ नागदमन के पौधे की जड़ लाकर इसे दुकान के बाहर लगा देना चाहिए । इससे बँधी हुई दुकान खुल जाती है । ४॰ दुकान के गल्ले में शुभ-मुहूर्त में श्री-फल लाल वस्त्र में लपेटकर रख देना चाहिए । ५॰ प्रतिदिन संध्या के समय दुकान में माता लक्ष्मी के सामने शुद्ध घी का दीपक प्रज्वलित करना चाहिए । ६॰ दुकान अथवा व्यावसायिक प्रतिष्ठान की दीवार पर शूकर-दंत इस प्रकार लगाना चाहिए कि वह दिखाई देता रहे । ७॰ व्यापारिक प्रतिष्ठान तथा दुकान को नजर से बचाने के लिए काले-घोड़े की नाल को मुख्य द्वार की चौखट के ऊपर ठोकना चाहिए । ८॰ दुकान में मोरपंख की झाडू लेकर निम्नलिखित मंत्र के द्वारा सभी दिशाओं में झाड़ू को घुमाकर वस्तुओं को साफ करना चाहिए । मंत्रः- “ॐ ह्रीं ह्रीं क्रीं” ९॰ शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के सम्मुख मोगरे अथवा चमेली के पुष्प अर्पित करने चाहिए । १०॰ यदि आपके व्यावसायिक प्रतिष्ठान में चूहे आदि जानवरों के बिल हों, तो उन्हें बंद करवाकर बुधवार के दिन गणपति को प्रसाद चढ़ाना चाहिए । ११॰ सोमवार के दिन अशोक वृक्ष के अखंडित पत्ते लाकर स्वच्छ जल से धोकर दुकान अथवा व्यापारिक प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर टांगना चाहिए । सूती धागे को पीसी हल्दी में रंगकर उसमें अशोक के पत्तों को बाँधकर लटकाना चाहिए । १२॰ यदि आपको यह शंका हो कि किसी व्यक्ति ने आपके व्यवसाय को बाँध दिया है या उसकी नजर आपकी दुकान को लग गई है, तो उस व्यक्ति का नाम काली स्याही से भोज-पत्र पर लिखकर पीपल वृक्ष के पास भूमि खोदकर दबा देना चाहिए तथा इस प्रयोग को करते समय किसी अन्य व्यक्ति को नहीं बताना चाहिए । यदि पीपल वृक्ष निर्जन स्थान में हो, तो अधिक अनुकूलता रहेगी । १३॰ कच्चा सूत लेकर उसे शुद्ध केसर में रंगकर अपनी दुकान पर बाँध देना चाहिए । १४॰ हुदहुद पक्षी की कलंगी रविवार के दिन प्रातःकाल दुकान पर लाकर रखने से व्यवसाय को लगी नजर समाप्त होती है और व्यवसाय में उत्तरोत्तर वृद्धि होती है । १५॰ कभी अचानक ही व्यवसाय में स्थिरता आ गई हो, तो निम्नलिखित मंत्र का प्रतिदिन ग्यारह माला जप करने से व्यवसाय में अपेक्षा के अनुरुप वृद्धि होती है । मंत्रः- “ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नमो भगवती माहेश्वरी अन्नपूर्णा स्वाहा ।” १६॰ यदि कोई शत्रु आपसी जलन या द्वेष, व्यापारिक प्रतिस्पर्धा के कारण आप पर तंत्र-मंत्र का कोई प्रयोग करके आपके व्यवसाय में बाधा डाल रहा हो, तो ईसे में नीचे लिखे सरल शाबर मंत्र का प्रयोग करके आप अपनी तथा अपने व्यवसाय की रक्षा कर सकते हैं । सर्वप्रथम इस मंत्र की दस माला जपकर हवन करें । मंत्र सिद्ध हो जाने पर रविवार या मंगलवार की रात इसका प्रयोग करें । मंत्रः- “उलटत वेद पलटत काया, जाओ बच्चा तुम्हें गुरु ने बुलाया, सत नाम आदेश गुरु का ।” रविवार या मंगलवार की रात को 11 बजे के बाद घर से निकलकर चौराहे की ओर जाएँ, अपने साथ थोड़ी-सी शराब लेते जाएँ । मार्ग में सात कंकड़ उठाते जाएँ । चौराहे पर पहुँचकर एक कंकड़ पूर्व दिशा की ओर फेंकते हुए उपर्युक्त मंत्र पढ़ें, फिर एक दक्षिण, फिर क्रमशः पश्चिम, उत्तर, ऊपर, नीचे तथा सातवीं कंकड़ चौराहे के बीच रखकर उस शराब चढ़ा दें । यह सब करते समय निरन्तर उक्त मन्त्र का उच्चारण करते रहें । फिर पीछे पलट कर सीधे बिना किसी से बोले और बिना पीछे मुड़कर देखे अपने घर वापस आ जाएँ । घर पर पहले से द्वार के बाहर पानी रखे रहें । उसी पानी से हाथ-पैर धोकर कुछ जल अपने ऊपर छिड़क कर, तब अन्दर जाएँ । एक बात का अवश्य ध्यान रखें कि आते-जाते समय आपके घर का कोई सदस्य आपके सामने न पड़े और चौराहे से लौटते समय यदि आपको कोई बुलाए या कोई आवाज सुनाई दे, तब भी मुड़कर न देखें । १७॰ यदि आपके लाख प्रयत्नों के उपरान्त भी आपके सामान की बिक्री निरन्तर घटती जा रही हो, तो बिक्री में वृद्धि हेतु किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के गुरुवार के दिन से निम्नलिखित क्रिया प्रारम्भ करनी चाहिए - व्यापार स्थल अथवा दुकान के मुख्य द्वार के एक कोने को गंगाजल से धोकर स्वच्छ कर लें । इसके उपरान्त हल्दी से स्वस्तिक बनाकर उस पर चने की दाल और गुड़ थोड़ी मात्रा में रख दें । इसके बाद आप उस स्वस्तिक को बार-बार नहीं देखें । इस प्रकार प्रत्येक गुरुवार को यह क्रिया सम्पन्न करने से बिक्री में अवश्य ही वृद्धि होती है । इस प्रक्रिया को
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
श्री बगलामुखी यन्त्रम्
श्री बगलामुखी यन्त्रम् यह एक अत्यंत शक्तिशाली और पूजनीय यंत्र है जो देवी बगलामुखी को समर्पित है, जो दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी हैं। ...

-
ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र ॐ अस्य श्री बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मन्त्रस्य सप्त ऋषिः ऋषयः , मातृका छंदः , श्री बटुक भैरव ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें