Tuesday 16 April 2019

शनिदेव की पूजा बुराइयों और बाधाओं को दूर करने के लिए की जाती है। मान्यता है की शनिदेव इंसान पर आने वाले संकटों और उसकी ह्रदय गति को नियंत्रित करते हैं। शनि न्याय के देवता हैं और वह कर्मों के अनुसार ही फल देते हैं। सच्चे-अच्छे लोगों पर उनकी कृपा बराबर बनी रहती है। वह घमंडी का सिर नीचा करते हैं और उसे कष्ट देकर नम्र और अच्छा इंसान बनाते हैं। शनि देव ही हमारी आयु के कारक हैं, आयु वृद्घि करने वाले हैं, आयुष योग में शनि का स्थान महत्वपूर्ण है किन्तु शुभ स्थिति में होने पर शनि आयु वृद्घि करते हैं तो अशुभ स्थिति में होने पर आयु का हरण कर लेते हैं। शनिदेव और उनका न्याय न केवल हमारे कर्मो का उचित लेखा जोखा है अपितु जीवन की पाठशाला का एक महत्वपूर्ण अघ्याय भी है। इंसान का भला और बुरा तो उसके स्वयं के कर्मों की वजह से होता है। अगर आपके कर्म अच्छे हैं तो आपका बुरा होना नामुमकिन है। शनिवार के दिन गली मुहल्लों, चौराहों आदि बहुत से सार्वजनिक स्थानों पर बाल्टी अथवा किसी बर्तन में शनि देव का स्वरूप स्थापित कर बच्चे, नौजवान एवं वृद्ध उन्हें लिए चले आते हैं और शनि देव की जय जय कार लगाते हैं। दक्षिणा प्राप्त करने के लिए बहुत से आशीर्वाद देते हैं। ऐसे लोंगों को कभी भी शनि देव से संबंधित कोई भी दान नहीं करना चाहिए क्योंकि ऐसे लोग जातकों से प्राप्त तेल, उड़द दाल आदि सामान दुबारा से दुकानों में बेच आते हैं और हमारा दान किया हुआ सामान दुबारा से हमारे ही घर में आ जाता है। यह सच है कि शनि देव दान से जल्द ही प्रसन्न होते हैं, अपना कर्म ठीक रखें तभी भाग्य आप का साथ देगा और कर्म कैसे ठीक होगा इसके लिए आप मन्दिर में साक्षात शनिदेव के दर्शन के लिए जाएं और उनसे संबंधित दान दक्षिणा वहीं पर अर्पित करें। निम्न शनि स्तुति का प्रात:काल पाठ करने से शनिजनित कष्ट नहीं व्यापते और सारा दिन सुख पूर्वक बीतता है। यह बहुत ही अद्भुत और रहस्यमय स्तुति है यदि आपको कारोबारी, पारिवारिक या शारीरिक समस्या हो तो इसका निदान इस स्तुति के जाप से संभव है। शनि पत्नी नाम स्तुति ‘ॐ शं शनैश्चराय नम: ध्वजनि धामिनी चैव कंकाली कलहप्रिया। कंटकी कलही चाऽथ तुरंगी महिषी अजा॥ ॐ शं शनैश्चराय नम

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https://youtu.be/XfpY7YI9CHc

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