Tuesday, 16 April 2019

निम्न मंत्र की २१ माला जाप करे. ॐ कालभैरव अमुक साधकानां रक्षय रक्षय भविष्यं दर्शय दर्शय हूं इसमें अमुक साधकानां की जगह स्वयं के नाम का उच्चारण करना चाहिए. भविष्य मे जब भी कोई समस्या या दुर्घटना होने वाली हो तो किसी न किसी रूप मे भगवान काल भैरव साधक को सूचना दे देते है. साधक अपने कार्यों को उस प्रकार से परावर्तित कर सकता है. यु तो भगवान भैरव साधक की प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप मे मदद करते ही रहते है...

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अगस्त्य ऋषि कृत सरस्वती स्तोत्रम्

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