Tuesday, 16 April 2019

देवस्तुति......................................................................................................... ॐ विष्णुं जिष्णुं महाविष्णुं प्रभविष्णुं महेश्वरम् | अनेकरूपं दैत्यान्तं नमामि पुरुषोत्तमम् || || उन विष्णु को हम वंदन करते हैं जो अजेय हैं , महाविष्णु हैं , महेश्वर है , सभीके स्वामी हैं , जो असुरों के संहार कर्ता हैं , जिनके अनेक स्वरूप हैं और जो पुरुषोत्तम हैं !

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नवदुर्गोपनिषत् उक्तं चाथर्वणरहस्ये ।

  नवदुर्गोपनिषत् उक्तं चाथर्वणरहस्ये । विनियोगः- ॐ अस्य श्रीनवदुर्गामहामन्त्रस्य किरातरुपधर ईश्वर ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, अन्तर्यामी नारायणः ...