Tuesday, 16 April 2019

तंत्र, पराशक्ति है। यह कठिन साधना से पाई जाती है। कई लोग लंबे समय तक तंत्र साधना करते हैं लेकिन वे सफल नहीं हो पाते। ऐसा क्यों? दरअसल तंत्र साधना के समय कई बातों का ध्यान रखना होता है, तभी यह क्रियाएं सफल होती हैं, सिद्ध होती हैं। अगर हम इनका ध्यान नहीं रखेंगे तो यह वैसा फल नहीं देंगी, जैसे की उम्मीद हो। रखें इन बातों का ध्यान :- - कोशिश करें, हमेशा सत्य बोलें। - जो भी सिद्धि प्राप्त करना हो, उसका प्रयोग किसी को नुकसान पहुंचाने में न हो। - सिद्धि जिस कार्य के लिए की जा रही हो, उसका प्रयोग केवल उसी में हो। - इसका प्रयोग अनुचित लाभ उठाने में न करें। - मन में कोई दुर्भावना, दुषित विचार आदि न लाएं। - मन में कोई भय नहीं होना चाहिए। - सिद्धि का प्रचार न किया जाए। - अपने पूजा करने के स्थान, समय की गोपनीयता रखी जाए।...................

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नवदुर्गोपनिषत् उक्तं चाथर्वणरहस्ये ।

  नवदुर्गोपनिषत् उक्तं चाथर्वणरहस्ये । विनियोगः- ॐ अस्य श्रीनवदुर्गामहामन्त्रस्य किरातरुपधर ईश्वर ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, अन्तर्यामी नारायणः ...