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Tuesday, 16 April 2019
गायत्री मन्त्र गायत्री मन्त्र १ . ॐ तत् पुरुषाय विद्महे , वक्र तुण्डाय धीमहि तन्नो दन्ती प्रचोदयात । ( गणेश गायत्री ) २ . ॐ नारायणाय विद्महे , वासुदेवाय धीमही तन्नो विष्णु प्रचोदयात् । ( विष्णु गायत्री ) ३ . ॐ तत् पुरुषाय विद्महे , महादेवाय धीमहि तन्नौ रुद्र प्रचोदयात् । ( शिव गायत्री ) ४ . ॐ दाशरथाय विद्महे , सीता वल्लभायै धीमहि तन्नौ राम : प्रचोदयात् । ( राम गायत्री ) ५ . ॐ जनक नन्दनी विद्महे भूमिजाय धीमहि तन्नौ सीता प्रचोदयात् । ( सीता गायत्री ) ६ . ॐ रामदूताय विद्महे , कपि राजाय धीमहि तन्नौ हनुमान प्रचोदयात् । ( हनुमत गायत्री ) ७ . ॐ अंजनी सुताय विद्महे वायु पुत्राय धीमहि तन्नौ हनुमत् प्रचोदयात् । ( हनुमान गायत्री ) ८ . ॐ नारायणाय विद्महे वासुदेवाय धीमहि तन्नौ कृष्ण प्रचोदयात् । ( कृष्ण गायत्री ) ९ . ॐ वृष भानुजाय विद्महे , कृष्ण प्रियायी धीमहि तन्नौ राधा प्रचोदयात् । ( राधा गायत्री ) १० . ॐ दाशरथाय विद्महे उर्मिला प्रियाये धीमही तन्नो लक्ष्मण प्रचोदयात् । ( लक्ष्मण गायत्री ) ११ . ॐ भागीरथाय विद्महे ब्रह्म पुत्री धीमहि तन्नौ गंगा प्रचोदयात् । ( गंगा गायत्री ) १२ . ॐ कात्यायीनीच विद्महे कन्या कुमारीय धीमहि तन्नौ दूर्गा प्रचोदयात् । ( दुर्गा गायत्री ) १३ . ॐ महादेवीञ्च विद्महे , विष्णु प्रियायी धीमहि तन्नौ लक्ष्मी प्रचोदयात् । १४ . ॐ पाञ्च जन्याय विद्महे पावमानाय धीमहि तन्नौ शंख प्रचोदयात् । ( शंख गायत्री ) ॐ नमस्ते वास्तु पुरुष : भू शय्या भिरत् प्रभोमम् गृहे धन धान्यादि समृद्धिकुरु सर्वदा । १५ . ॐ भुजगेशाय विद्महे सर्प राजाय धीमहि तन्नौ वास्तो प्रचोदयात् ॥
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