Tuesday, 16 April 2019

कुल देवता/देवी के संबंध में व्याप्त विसंगतियों का निदान--- सामान्यतः प्रत्येक सनातन हिन्दु परिवार में कुल देवता/देवी के नामों के संबंधों में व्याप्त विसंगतियों एवं विवादों का सबसे पहले निदान आवश्य है । जैसे कोई कहता है कि, हमारी कुल देवी ''खजूरी वाली माताजी'' हैं, कोई कहता है कि, हमारी कुल देवी ''ईट वाली माताजी'' हैं । कोई कहता है कि, हमारी कुल देवी ''कैला देवी'' हैं। कोई कहता है ''नैनोद वाली देवी'' है । कोई कहता है कि, ''पावागढ वाली देवी'' है। कोई कहता है कि, ''बगावद वाली देवी'' है । कोई कहता है कि ''मैडता वाली देवी'' है । कोई कहता है कि ''जीन वाली देवी'' है । कोई कहता है कि ''सती वाली माता'' है । इसी प्रकार कुल देवता के संबंध में कोई कहता है कि हमारे कुल देवता ''खेडे वाले देवता'' हैं । कोई कहता है कि, ''काले देवता'' हैं । कोई कहता है कि ''हिसार वाले देवता'' हैं । कोई कहता है कि ''गुडगाँव वाले देवता'' हैं । कोई कहता है कि ''सालासर वाले बालाजी'' हैं । कोई कहता है कि ''खाटू श्यामजी'' हैं । कोई कहता है कि ''खप्पर वाले देवता'' हैं

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  नवदुर्गोपनिषत् उक्तं चाथर्वणरहस्ये । विनियोगः- ॐ अस्य श्रीनवदुर्गामहामन्त्रस्य किरातरुपधर ईश्वर ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, अन्तर्यामी नारायणः ...