About The Best Astrologer In Muzaffarnagar, India -Consultations by Astrologer Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies , Prashna kundli IndiaMarriage Language: Hindi Experience : Exp: 35 Years Expertise: Astrology , Business AstrologyCareer Astrology ,Court/Legal Issues , Property Astrology, Health Astrology, Finance Astrology, Settlement , Education http://shriramjyotishsadan.in Mob +919760924411
मंगलवार, 16 अप्रैल 2019
देवी मंत्र द्वारा वशीकरण वशीकरण का सामान्य और सरल अर्थ है- किसी को प्रभावित करना, आकर्षित करना या वश में करना। जीवन में ऐसे कई मोके आते हैं जब इंसान को ऐसे ही किसी उपाय की जरूरत पड़ती है। किसी रूठें हुए को मनाना हो या किसी अपने के अनियंत्रित होने पर उसे फिर से अपने नियंत्रण में लाना हो,तब ऐसे ही किसी उपाय की सहायता ली जा सकती है। वशीकरण के लिये यंत्र, तंत्र, और मंत्र तीनों ही प्रकार के प्रयोग किये जा सकते हैं। यहां हम ऐसे ही एक अचूक मंत्र का प्रयोग बता रहे हैं। यह मंत्र दुर्गा सप्तशती का अनुभव सिद्ध मंत्र है। यह मंत्र तथा कुछ निर्देश इस प्रकार हैं- ज्ञानिनामपि चेतांसि, देवी भगवती ही सा। बलादाकृष्य मोहाय, महामाया प्रयच्छति ।। यह एक अनुभवसिद्ध अचूक मंत्र है। इसका प्रयोग करने से पूर्व भगवती त्रिपुर सुन्दरी मां महामाया का एकाग्रता पूर्वक ध्यान करें। ध्यान के पश्चात पूर्ण श्रृद्धा-भक्ति से पंचोपचार से पूजा कर संतान भाव से मां के समक्ष अपना मनोरथ व्यक्त कर दें। वशीकरण सम्बंधी प्रयोगों में लाल रंग का विशेष महत्व होता है अत: प्रयोग के दोरान यथा सम्भव लाल रंग का ही प्रयोग करें। मंत्र का प्रयोग अधार्मिक तथा अनैतिक उद्देश्य के लिये करना सर्वथा वर्जित है। जय श्री राम ------ आपका दैवज्ञश्री पंडित आशु बहुगुणा । पुत्र श्री ज्योतिर्विद पंडित टीकाराम बहुगुणा । मोबाईल न0॰है (9760924411) इसी नंबर पर और दोपहर-12.00 –बजे से शाम -07.00 -के मध्य ही संपर्क करें। मुजफ्फरनगर ॰उ0॰प्र0.•..
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
astroashupandit
Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies , Prash...
-
ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र ॐ अस्य श्री बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मन्त्रस्य सप्त ऋषिः ऋषयः , मातृका छंदः , श्री बटुक भैरव ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें