श्री आदि भैरव जी को शाबर मंत्र
|| आद भैरव, जुगाद भैरव, भैरों है सब थाईं, भैरूं ब्रह्मा, भैरूं विष्णु, भैरूं ही है भोला साईं, भैरूं देवी, भैरूं सब देवता, भैरूं सिद्ध, भैरूं नाथ, भैरूं बिन होए न रक्षा, भैरूं बिन बजे न नाद, काल भैरूं, विकराल भैरूं, घौर भैरूं , अघोर भैरूं, भैरूं की कोई न जाने सार, भैरूं की महिमा अपरम्पार, श्वेत वस्त्र , श्वेत जटा धारी, हत्थ में मुद्गर, स्वान की सवारी, सार की जंजीर, लोहे का कड़ा, जहाँ सिमरूं, भैरूं बाबा खडा, चले मंत्र, फुरे वाचा, देखाँ आद भैरों, तेरे इल्म चोट का तमाशा ||
विधि
इस शाबर मंत्र का ४१ दिनों तक श्री शिव या भैरव बाबा के मंदिर में रोज़ एक माला मंत्र का जप करना है और रोज़ उर्द के बड़े और मद्द्य का भोग देना है. वैष्णव जन मीठे पेय का भोग दे सकते हैं. सभी मनोकामना पूरी होती हैं।
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