मंगलवार, 7 सितंबर 2021

सर्वविघ्नहरण मंत्र

सर्वविघ्नहरण मंत्र
ऊँ नम: शान्ते प्रशान्ते ऊँ ह्यीं ह्रां सर्व क्रोध प्रशमनी स्वाहा।

इस मंत्र को नियमपूर्वक प्रतिदिन प्रात:काल इक्कीस बार स्मरण करने के पश्चात मुख प्रक्षालन करने से तथा सायंकाल में पीपल के वृक्ष की जड़ में शर्बत चढ़ाकर धूप दीप देने से घर के सभी लोग शांतमय निर्विघ्न जीवन व्यतीत करते हैं। इसका इतना प्रभाव होता है कि पालतू जानवर भी बाधा रहित जीवन व्यतीत करता है।

कोई टिप्पणी नहीं:

About The Best Astrologer In Muzaffarnagar

.Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies  , Prashna kundli Ind...