महेशान्ना परो देवो , महिम्नो ना परा स्तुति |
अघोरान्ना परो मंत्रो , नास्ति तत्वं गुरूः परम ||
महेश ( भगवान शंकर ) से बड़ा कोई देवता नहीं है , शिव महिम्न स्तोत्र से बड़ा कोई स्तोत्र नहीं है | अघोर मंत्र से बड़ा कोई मंत्र नहीं है | गुरु से बड़ा कोई तत्व नहीं है |
जिसके घर में नियमित रूप से,भक्ति-भाव से, शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ होता हो उसके बारे में श्री पुष्पदंत ऋषि कहते हैं कि वो व्यक्ति तो रूद्र का साक्षात रूप हो जाता है, शिव कि विशेष कृपा का वो अधिकारी हो जाता है |
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