रविवार, 4 जनवरी 2015

हंत्या जागर ( कलेरा या रान्सो)



हंत्या जागर ( कलेरा या रान्सो)

यह जागर एक स्त्री आत्मा के निमित जागर है जो घरभूत पुजाई के वक्त घड़ेल़ा में जागरी सुनाता है इसे सुनकर व पश्वा के करुणा जनक नृत्य से दर्शक रोने लगते हैं
तेरी छोडि च बोई चाखुड सि टीली
तेरी होली बोई जसी माता को पराणि
होला बोई पराणि जसी पाफड़ सी पाणी
कनो रई होली बोई तेरो उबाण रीट दो
कनो रई होलो बोई तेरी उकाळ छौम्पदो
जसी होली बोई तेरी द्युराणी जिठाणी
तीन बोली होलू ब्व़े मी हर्ष देखुलो
कै कालन डाळी होलो ब्व़े जोड़ी मा बिछोड
यखिम बैठ्युं च ब्व़े तेरा सिर कु छतर
देखी भाळी जान्दु अपणी इ भैरो भीतरी
देखी जा दों ब्व़े ईं रौन्त्याळी गँवाडि
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निम्न कलेरे में एक युवक की ह्न्त्या नचाई जा रही है और इस गाने में जागर में करुण रस देखिये: ----------------------------------------------------
कनि छे भुला तेरी वा हौन्सिया उमर
कनि छो चुचा तू जै को पियारो
देख बैठ्याँ यखी म तेरा गोती सोरा
दूदा ब्व़े हुयीं चा या तेरी निपूती मयेड
कनि छे भुला तेरी वा जोड़ी सौंजडि
उना मयाल़ा सुभाऊ का रै यकुला रै तू
मर्दि बगत भुला त्वेन पाणी बि नि पियो
बिदेसू जगा होई तू भुचेणि नी पायो
कख गै ह्वेलो भुला तू तैं मयेडि ऐसे की
डारी मा की छुटी च त्य्री भग्यान ब्वारी
मौत सबकू औंद आग सबकू जगौन्द
तिन कायर नि होणु सागर कु पाणी समंद

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