किन कार्यों के लिए उपयोगी है बगलामुखी साधना
महाविद्याओं तथा उनकी उपासना पद्धतियों के बारे में संहिताओं, पुराणों तथा
तंत्र ग्रंथों में बहुत कुछ दिया गया है। बगलामुखी देवी की गणना दस
महाविद्याओं में है तथा संयम-नियमपूर्वक बगलामुखी के पाठ-पूजा, मंत्र जाप,
अनुष्ठान करने से उपासक को सर्वाभीष्ट की सिद्धि प्राप्त होती है। शत्रु
विनाश, मारण-मोहन, उच्चाटन, वशीकरण के लिए बगलामुखी से बढ़ कर कोई साधना
नहीं है। मुकद्दमे में इच्छानुसार विजय प्राप्ति कराने में तो यह रामबाण
है। बाहरी शत्रुओं की अपेक्षा आंतरिक शत्रु अधिक प्रबल एवं घातक होते हैं।
अतः बगलामुखी साधना की, मानव कल्याण, सुख-समृद्धि हेतु, विशेष उपयोगिता
दृष्टिगोचर होती है। यथेच्छ धन प्राप्ति, संतान प्राप्ति, रोग शांति, राजा
को वश में करने हेतु कारागार (जेल) से मुक्ति, शत्रु पर विजय, अ ा क षर्् ा
ण् ा , िव द्व े ष् ा ण् ा , मारण आदि प्रयोगों हेतु अ न ा िद काल से
बगलामुखी स ा ध् ा न ा द्वारा लोगों की इच्छा पूर्ति होती रही है। बगलामुखी
के मंदिर वाराणसी (उत्तरप्रदेश) हिमाचलप्रदेश तथा दतिया (मध्यप्रदेश) में
हैं, जहां इच्छित मनोकामना हेतु जा कर लोग दर्शन करते हैं, साधना करते हैं।
मंत्र महोदधि में बगलामुखी साधना के बारे में विस्तार से दिया हुआ है।
इसके प्रयोजन, मंत्र जप, हवन विधि एवं उपयुक्त सामान की जानकारी, सर्वजन
हिताय, इस प्रकार है: उद्देश्य: धन लाभ, मनचाहे व्यक्ति से मिलन, इच्छित
संतान की प्राप्ति, अनिष्ट ग्रहों की शांति, मुकद्दमे में विजय, आकर्षण,
वशीकरण के लिए मंदिर में, अथवा प्राण प्रतिष्ठित बगलामुखी यंत्र के सामने
इसके स्तोत्र का पाठ, मंत्र जाप, शीघ्र फल प्रदान करते हंै। जप स्थान:
बगलामुखी मंत्र जाप अनुष्ठान के लिए नदियों का संगम स्थान, पर्वत शिखर,
जंगल, घर का कोई भी स्थान, जहां शुद्धता हो, उपयुक्त रहता है। परंतु खुले
स्थान (आसमान के नीचे) पर यह साधना नहीं करनी चाहिए। खुला स्थान होने पर
ऊपर कपड़ा, चंदोबा तानना चाहिए। वस्त्र: इस साधना के समय केवल एक वस्त्र
पहनना निषेध है तथा वस्त्र पीले रंग के होने चाहिएं, जैसे पीली धोती,
दुपट्टा, अंगोछा ले कर साधना करनी चाहिए। पुष्प एवं माला: बगलामुखी साधना
में सभी वस्तु पीली होनी चाहिएं, यथा पीले पुष्प, जप हेतु हल्दी की गांठ की
माला, पीला आसन। भोजन: दूध, फलाहार आदि, केसर की खीर, बेसन, केला,
बूंदियां, पूरी-सब्जी आदि। मंत्र एवं जप विधान: साधक अपने कार्य के अनुसार ¬
ींीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्नां कीलय बुद्धिं
विनाशय ींीं ¬ स्वाहा। मंत्रा के 1 लाख, अथवा 10 हजार जाप, 7, 9, 11, या 21
दिन के अंदर पूरे करें। किसी शु( स्थान पर चैकी पर, अथवा पाटे पर पीला
कपड़ा बिछाएं। उसपर पीले चावल से अष्ट दल कमल बनाएं। उसपर मां बगलामुखी का
चित्र, या यंत्र स्थापित कर, षोडशी का पूजन कर, जप आरंभ करना चाहिए। ध्यान
रहे कि प्रथम दिन जितनी संख्या में जप करें, प्रतिदिन उतने ही जप करने
चाहिएं; कम, या अधिक जप नहीं। हवन: जप संख्या का दशांश हवन, हवन का दशांश
तर्पण, तर्पण का दशांश मार्जन तथा मार्जन का दशांश् ब्राह्मण भोजन कराना
चाहिए। इस प्रकार साधना करने से सिद्धि प्राप्त होती है। यथेच्छ धन
प्राप्ति: चावल, तिल एवं दूध मिश्रित खीर से हवन करने पर इच्छा अनुसार धन
लाभ होता है। संतान प्राप्ति: अशोक एवं करवीर के पत्रों द्वारा हवन से
संतान सुख मिलता है। शत्रु पर विजय: सेमर के फलों के हवन से शत्रु पर विजय
प्राप्त होती है। जेल से मुक्ति: गूगल के साथ तिल मिला कर हवन करने से कैदी
जेल से छूट जाता है। रोग शांति हेतु: 4 अंगुल की रेडी़ की लकडियां,
कुम्हार के चाक की मिट्टी तथा शहद, घी, बूरा (शक्कर) के साथ लाजा (खील)
मिला कर हवन करने से सभी प्रकार के रोगों में शांति मिलती है। वशीकरण:
सरसों के हवन से वशीकरण होता है। सब वश में हो जाते हैं। आकर्षण: शहद, घी,
शक्कर के साथ नमक से हवन करने पर आकर्षण होता है। इस प्रकार, मनोकामना
हेतु, श्रद्धा-विश्वास से जप द्वारा कार्य सिद्ध होते हैं।
About The Best Astrologer In Muzaffarnagar, India -Consultations by Astrologer Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies , Prashna kundli IndiaMarriage Language: Hindi Experience : Exp: 35 Years Expertise: Astrology , Business AstrologyCareer Astrology ,Court/Legal Issues , Property Astrology, Health Astrology, Finance Astrology, Settlement , Education http://shriramjyotishsadan.in Mob +919760924411
रविवार, 4 जनवरी 2015
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
astroashupandit
Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies , Prash...
-
ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र ॐ अस्य श्री बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मन्त्रस्य सप्त ऋषिः ऋषयः , मातृका छंदः , श्री बटुक भैरव ...
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें