रविवार, 4 जनवरी 2015

सुरकंडा देवी का जागर



सुरकंडा देवी का जागर

जै जगदम्बा भाख बाणी
सर्वाणि चंडिका माई
आदि संसार की माया
यो पिंड तैने उपाया
महा लक्ष्य महा नारायणी
जै जगदम्बे तेरो ध्यान जागो
कनि रैंदी माता उंचा सुरकंडा
उंचा सरकंडा माता रौन्सालू को छैल
उंचा सरकंडा का नीत माता कुंजापुरी
कनि भेंटदी माता बारा बैणि
रागसून नेग करी रागसून
मद पीक माता ह्वेगे विकराळ
तब मारे त्वेन रागस
मारिक त्वेन धड पौन्चाये नेपाल
मुंड पौन्चाये सुरकंडा
जय जगदम्बा संघारणी देवी
सब की चंडिका माई
आदि संसार की हे आदि माया
यो पिंड तीन उपजायो
हे महालक्ष्मी हे महानारायणी
हे जगदम्बे तेरो ध्यान जागे
मा तू उच्चो सुरकंडा मा रौंदी
उच्चू सुरकंडा मा जख रौन्सालू को छैलू
उख सबि बैणी मिलणो भींट्याणो आन्दन
जब रागसून करी उत्पात
तब तू ह्व़े मद पीके विकराळ
तीन एक एक मारी धड पौन्चाये नेपाल
अर मुंड पौन्चाये सुरकंडा

कोई टिप्पणी नहीं:

astroashupandit

              Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies  , Prash...