रविवार, 22 सितंबर 2024

क्या आप भी ऐसी ही किसी अदृश्य शक्तियों के तांडव से परेशान है. ?

 

 

 


क्या आप भी ऐसी ही किसी अदृश्य शक्तियों के तांडव से परेशान है. ?

कभी कभी कुछ लोगों को अहसास होता है कि उनके आस पास कोई और भी है ,पर नजरें घुमाने पर कोई दिखाई नहीं देता ।कभी अकेले कमरे या एकांत में महसूस होता है कि कमरे में आपके अलावा भी कोई है जबकि वास्तव में सशरीर केवल आप वहां होते हैं ।ऐसा कभी एकाध बार तो बहुतों को महसूस होता है ,किंतु कुछ लोगों को बार बार या कई बार ऐसा महसूस होता है ।जिन्हें बार बार ऐसा महसूस होता है उसे कोई न कोई कमी या समस्या भी परेशान करती है ,चाहे घर परिवार की हो ,कमाई धंधे की हो ,सन्तान की हो ,स्वास्थ्य की हो या किसी और प्रकार की ।एकाध बार की अनुभूति तो भ्रम से भी हो सकती है ,किंतु बार बार का महसूस होना भ्रम नहीं होता ।इसके अपने कारण होते हैं ।

ऐसी अनुभूतियां सामान्य नकारात्मक शक्तियों जो घर परिवार के आस पास होती है उनके कारण होती हैं

यदि ऐसा महसूस हो तो बजाय खुद कोई उपाय करने के किसी अच्छे उच्च शक्ति के साधक ,तांत्रिक से सम्पर्क करना चाहिए ।खुद के छोटे मोटे उपाय ,पूजा जप आदि किसी शक्ति को छेड़कर छोड़ देने जैसे हो जाते हैं ,जिससे वह और अधिक उग्र हो क्षति की या प्रभावित करने कीकोशिश करता है ।अतः खूब सोच समझकर योग्य साधक के मार्गदर्शन में ही उपाय करने और करवाने चाहिए

घोर दरिद्रतादूर होती है मां पीताम्बरा के इस मन्त्र

 

 


घोर दरिद्रतादूर होती है मां पीताम्बरा के इस मन्त्र से

" ॐ श्रींह्रींऐं भगवती बगले में श्रियंदेहि-देहि स्वाहा "

मां बगलामुखी के इस मंत्र का जप करने से साधक अगर गरीबी से जूझ रहा हो तो धन आने के मार्ग खुलते हैं और काम में सफलता मिलनी शुरू हो जाती है काम में आने वाले विध्न - बाधा दूर होने लगते हैं .

मंत्र जप करते समय मां बगलामुखी का सिद्धि यंत्र ( बगलामुखी के किसी सिद्ध साधक से सिद्ध करवाकर ) को सामने रखकर जाप करने से मन्त्र का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है।

माँ पीताम्बरा के किसी भी मन्त्र का जप किसी भी उद्धेश्य से करने से पहले इनके एकाक्षरमन्त्र का कम से कम एक लाख जप अवश्य कर लेना चाहिए . माँ बगलामुखी के बीज मन्त्र का जप गुरु मुख से लेकर ही जप करें

गुरुवार, 19 सितंबर 2024

दश महाविद्या प्रयोग

 

 

 


  दश महाविद्या प्रयोग
 १ : प्रथम महाविद्या काली : काली मंत्र किसी भी प्रकार की सफलता के लिए उपयुक्त है इस विद्या के प्रयोग से कोई भी बाधा सामने नहीं आती है |
२ : द्वितीय महाविद्या तारा : तारा [ कंकाल मालिनी ] यह सिद्ध विद्या शत्रुओ के नाश करने के लिए व जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए विशेष लाभदाई है |
३ : तृतीय महाविद्या षोडशी : षोडशी [ श्रीविद्या त्रिपुरा ललिता त्रिपुर सुंदरी ] यह सिद्ध विद्या और मोक्ष दात्री है जीवन में पूर्ण सफलता व आर्थिक दृष्टि से उच्च कोटि की सफलता के लिए इस मंत्र की साधना करे |
४ : चतुर्थ महा विद्या भुवनेश्वरी : भुवनेश्वरी [राजराजेश्वरी ] की साधना से विद्या प्राप्त वशीकरण सम्मोहन आदि कार्यो की सिद्धि के लिए इस महाविद्या का प्रयोग करे इस मंत्र के जप से [करे या कराये] वशीकरण प्रयोग विशेषत: लाभ प्राप्त होता है |
५ : पंचम महाविद्या छिन्नमस्ता : छिन्नमस्ता की साधना से मोक्ष विद्या प्राप्त होती है | विशेषत: शत्रु नाश व् शत्रु पराजय तथा मुक़दमे में विजय के लिए इस महाविद्या का प्रयोग किया जाता है |
६ : षष्टम महाविद्या त्रिपुरभैरवी : त्रिपुरभैरवी [ सिद्ध भैरवी ] की साधना से रोग शांति आर्थिक उन्नति सर्वत्र विजय व्यापर में सर्वोपरि होने के लिए त्रिपुरभैरवी का प्रयोग करे |
७ : सप्तम महाविद्या धूमावती : धूमावती [ लक्ष्मी ] की साधना से पुत्र लाभ धन लाभ और शत्रु पर विजय प्राप्ति के लिए अत्यंत लाभ दायक है |
८ : अष्टम महाविद्या बंगलामुखी : इस अनुष्ठान को सावधानी पूर्वक करना चाहिए,नहीं तो विपरीत प्रभाव पड़ सकता है | इस मन्त्र के प्रभाव से [ जप कराने से ] शत्रुओ पर विजय एवं मुकदमो में विजय प्राप्ति तथा विशेष आर्थिक उन्नति के लाभ है |
९ : नवम महाविद्या मातंगी : मातंगी [ सुमुखी उच्चिस्थ चंडालिक ] इसके अनुष्ठान से जीवन में पूर्णता और विवाह के लिए प्रयोग किया जाता है, मनोकामनापूर्ति के लिए इस मन्त्र का प्रयोग करे |
१० : दशम महाविद्या कमला : कमला [ लक्ष्मी नारायणी ] इस मन्त्र के अनुष्ठान से आर्थिक भौतिक क्षेत्र में उच्चतम स्थिति करने के लिए दरिद्रता दूर करने के लिए व्यापर उन्नति तथा लक्ष्मी प्राप्ति के लिए इस मन्त्र का प्रयोग करे |
[ महाविद्या प्रयोग ]
१ : महाविद्या प्रयोग उस समय किया जाता है जब घर में किसी प्रकार की अशांति हो या बाधा [ भूत प्रेत आदि ] उत्पन्न होती हो जिसके करने परिवार में अशांति हो रही हो तो इस प्रयोग के २१ पाठ कराने अथवा १०८ पाठ कराने व् हवन कराने से तत्काल लाभ प्राप्त होता है | यह प्रयोग अनुभव सिद्ध है |
[ प्रत्यंगिरा व् विपरीत प्रत्यंगिरा स्त्रोत्र ]
श्री प्रत्यंगिरा स्त्रोत्र : प्रत्यंगिरा के शास्त्रीय अनुष्ठान मात्र से समस्त शत्रु नष्ट हो जाते है | इसमें साधक को किसी प्रकार की कोई हानी नहीं होता है | इसके कम से कम १०८ पाठ कराने से लाभ शुरु हो जाता है | मुक़दमे में विजय तथा प्रबल शत्रु क्यों न हो ,उसकी पराजय अवश्य होती है
श्री विपरीत प्रत्यंगिरा स्त्रोत्र : विपरीत प्रत्यंगिरा स्त्रोत्र के पाठ करने मात्र से शत्रु का विशेष क्षय यहाँ तक की वह मृत्यु को भी प्राप्त हो जाता है , तथा इस पाठ के साथ - साथ साधक की सुरक्षा भी होती है | इस का कम से कम १०८ पाठ या संभव हो तो ११०० पाठ करवाहोता हैवे तो सफलता अवश्य प्राप्त होता है|

श्रीराम ज्योतिष सदन पंडित आशु बहुगुणा

 मोबाईल नं- और व्हाट्सएप नंबर है।-9760924411

 -https://shriramjyotishsadan.in/

 

शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय इस प्रकार है।

 

 


शिवपुराण के अनुसार भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय इस प्रकार है।
1. भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है।
2. तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है।
3. जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है।
4. गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है।
यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में बांट देना चाहिए।

शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन-सा रस (द्रव्य) चढ़ाने से क्या फल मिलता है...
1. बुखार होने पर भगवान शिव को जल चढ़ाने से शीघ्र लाभ मिलता है। सुख व संतान की वृद्धि के लिए भी जल द्वारा शिव की पूजा उत्तम बताई गई है।
2. तेज दिमाग के लिए शक्कर मिला दूध भगवान शिव को चढ़ाएं।
3. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाया जाए तो सभी आनंदों की प्राप्ति होती है।
4. शिव को गंगा जल चढ़ाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है।
5. शहद से भगवान शिव का अभिषेक करने से टीबी रोग में आराम मिलता है।
6. यदि शारीरिक रूप से कमजोर कोई व्यक्ति भगवान शिव का अभिषेक गाय के शुद्ध घी से करे तो उसकी कमजोरी दूर हो सकती है।

शिवपुराण के अनुसार जानिए भगवान शिव को कौन-सा फूल चढ़ाने से क्या फल मिलता है...
1. लाल व सफेद आंकड़े के फूल से भगवान शिव का पूजन करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
2. भगवान शिव की पूजा चमेली के फूल से करने पर वाहन सुख मिलता है।
3. अलसी के फूलों से शिव की पूजा करने पर मनुष्य भगवान विष्णु को प्रिय होता है।
4. शमी वृक्ष के पत्तों से पूजन करने पर मोक्ष प्राप्त होता है।
5. बेला के फूल से पूजा करने पर सुंदर व सुशील पत्नी मिलती है।
6. जूही के फूल से भगवान शिव की पूजा करें तो घर में कभी अन्न की कमी नहीं होती।
7. कनेर के फूलों से भगवान शिव की पूजा करने से नए वस्त्र मिलते हैं।
8. हरसिंगार के फूलों से पूजन करने पर सुख-सम्पत्ति में वृद्धि होती है।
9. धतूरे के फूल से पूजन करने पर भगवान शंकर सुयोग्य पुत्र प्रदान करते हैं, जो कुल का नाम रोशन करता है।
10. लाल डंठलवाला धतूरा शिव पूजा में शुभ माना गया है।
11. दूर्वा से भगवान शिव की पूजा करने पर उम्र बढ़ती है।

इन उपायों से प्रसन्न होते हैं भगवान शिव
1. सावन में रोज 21 बिल्वपत्रों पर चंदन से ऊं नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं।
2. अगर आपके घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करें तथा गुग्गुल का धूप दें।
3. यदि आपके विवाह में अड़चन आ रही है तो सावन में रोज शिवलिंग पर केसर मिला हुआ दूध चढ़ाएं। इससे जल्दी ही आपके विवाह के योग बन सकते हैं।

4. सावन में रोज नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
5. सावन में गरीबों को भोजन कराएं, इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी तथा पितरों की आत्मा को शांति मिलेगी।
6. सावन में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निपट कर समीप स्थित किसी शिव मंदिर में जाएं और भगवान शिव का जल से अभिषेक करें और उन्हें काले तिल अर्पण करें। इसके बाद मंदिर में कुछ देर बैठकर मन ही मन में ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। इससे मन को शांति मिलेगी।

 

श्रीराम ज्योतिष सदन पंडित आशु बहुगुणा

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