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Tuesday, 17 August 2021
॥ श्री प्रज्ञाविवर्धन स्तोत्रम् ॥
Monday, 16 August 2021
बिल्व वृक्ष की महिमा और प्रयोग
श्री गणेश जी केअनुभूत सिद्ध मंत्र
अधिकारी कोअनुकूल बनाने के लिए प्रयोग
मां काली प्रातः स्मरणस्तोत्रम्
ॐ गं गणपतये नमः।
श्री बटुक-भैरव शापोद्धार व शापविमोचन
शत्रुनाशक बगला माला-मन्त्र
श्री बगला दिग्बंधन रक्षा स्तोत्रम्
।। शिवजी का शाबर तांत्रिक मंत्र ।।
अगर शत्रु पीछे पड़ा हो तो यह अवश्य करे।
अगर शत्रु पीछे पड़ा हो, किसी को बिना किसी कारण से परेशान कर रहा हो तो हनुमान जी की शरण में जाएँ । नित्य हनुमान जी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाएं, हनुमान जी को लाल गुलाब चढ़ाकर हनुमान चालीसा , बजरंग बाण का पाठ करें और प्रतिदिन कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें , और अपने उनसे शत्रु को नष्ट करने / परास्त करने की प्रार्थना करें। अपनी कमीज़ की सामने वाली जेब में लाल रंग की छोटी हनुमान चालीसा रखें ,इससे संकटमोचन की कृपा से सभी तरह के अनिष्ट दूर होते है, मनोबल बढ़ता है, जातक निर्भय हो जाता है, नए और शक्तिशाली मित्र बनते है। शत्रु कुछ भी नहीं बिगाड़ पाता है और शांत हो जाता है।
छिन्नमस्ताद्वादशनामस्तोत्रम्
छिन्नमस्ताद्वादशनामस्तोत्रम्
।। ॐ हूं ॐ ।।
छिन्नग्रीवा छिन्नमस्ता छिन्नमुण्डधराऽक्षता ।
क्षोदक्षेमकरी स्वक्षा क्षोणीशाच्छादनक्षमा ॥ १॥
वैरोचनी वरारोहा बलिदानप्रहर्षिता ।
बलिपूजितपादाब्जा वासुदेवप्रपूजिता ॥ २॥
इति द्वादशनामानि छिन्नमस्ताप्रियाणि यः ।
स्मरेत्प्रातः समुत्थाय तस्य नश्यन्ति शत्रवः ॥ ३॥
इति छिन्नमस्ताद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
अर्थात् -
१) छिन्नग्रीवा - जिन्होंने अपने भक्तों के लिए अपना कंठ काट लिया है।
२) छिन्नमस्ता - जिन्होंने अपने भक्तों के लिए अपना मस्तक काट लिया है, अर्थात् अपना जीवन ही भक्तों के निमित्त अर्पित कर दिया है।
३) छिन्नमुण्डधरा - जो अपना मस्तक काटकर अपने बाएं हाथ मे धारण करती हैं।.
४) अक्षता - जो पूर्ण है, जिनका कभी पराभव नही होता, जो सम्पूर्ण हैं।
५) क्षोदक्षेमकरी - उपद्रव शांत करने में प्रवीण ।
६) स्वक्षा - सुंदर नेत्रो वाली।
७) क्षोणीशाच्छादनक्षमा - राजाओं का पालन-रक्षण करने वाली ।
८) वैरोचनी - इंद्र की पत्नी ( भगवान शंकर को उपनिषद में इंद्र कहा गया है अतः शंकर पत्नी भावार्थ लगायें)
९) वरारोहा - अत्यंत सुंदर वपु वाली
१०) बलिदान प्रहर्षिता - भक्तो द्वारा अर्पित विभिन्न पूजन सामग्रियों, फल, मिष्ठान्न, नारियल, फूल आदि से प्रसन्न होने वाली।
११) बलिपूजितपादाब्जा - जिनके चरण कमलों में विभिन्न पदार्थ अर्पित किए जाते हैं या इन उत्तम।पदार्थों से पूजित चरण कमल वाली (फल, फूल, मिष्ठान्न, मेवा, रत्न, स्वर्ण आदि आदि)
१२) वासुदेवप्रपूजिता - श्रीकृष्ण द्वारा पूजित व उपसित।
जो इन १२ नामो को प्रातः उठते ही स्मरण करता है उसके सभी शत्रुओं का नाश होता है। इन १२ नामो का निरंतर चिंतन करने वाले के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
Saturday, 14 August 2021
।।श्रीहनुमत्ताण्डवस्त्रोम।।
Wednesday, 11 August 2021
व्यापार मैं वृद्धि हेतु उपाय
व्यापार मैं वृद्धि हेतु उपाय
शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से इसे प्रारंभ करें। सर्वप्रथम साधक, ब्रह्म मुहूर्त में, शैय्या त्याग, दैनिक नित्य कार्यों से निवृत्त हो, घर, या व्यापार स्थल के उत्तरी कोण को गंगा जल से धो कर पवित्र करे। उसपर शुद्ध पिसी हल्दी, जिसमें मिर्चादि का अंश न हो, ले कर एक सुंदर स्वस्तिक बनाएं। स्वास्तिक में 4 बिंदियां अवश्य हों। स्वस्तिक के मध्य भाग में चने की दाल 50 ग्राम तथा 50 ग्राम गुड़ रख कर, आवश्यक हो तो एक नयी टोकरी से ढक दें, या ऐसे ही खुला छोड़ दें। इसे बार-बार न देखें। प्रत्येक गुरुवार इस क्रिया को दोहराएं। अशुद्ध स्त्री की छाया से यथासंभव बचाए रखें।
Tuesday, 10 August 2021
Shriramjyotishsadan
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दुर्गा सप्तशती पाठ विधि
दुर्गा सप्तशती दुर्गा सप्तशती पाठ विधि पूजनकर्ता स्नान करके, आसन शुद्धि की क्रिया सम्पन्न करके, शुद्ध आसन पर बैठ जाएँ। माथे पर अपनी पसंद क...
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ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र ॐ अस्य श्री बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मन्त्रस्य सप्त ऋषिः ऋषयः , मातृका छंदः , श्री बटुक भैरव ...