Tuesday, 17 August 2021

जो माता बहन समस्त प्रयत्नो के पश्चात भी संतानसुख से वंचित है उनके लिए "संतान प्राप्ति गणपति स्तोत्र" बहुतही लाभदायक है।

जो माता बहन समस्त प्रयत्नो के पश्चात भी संतान
सुख से वंचित है उनके लिए "संतान प्राप्ति गणपति स्तोत्र" बहुत
ही लाभदायक है। नि:संतान दंपति इसे अवश्य
आजमाये और श्री गणेशजी का आशिर्वाद
प्राप्त करे. आशा करते है की भगवान
श्री गणेशजी नि:संतान दंपति
की इच्छा पूर्ण करेगे.
स्तोत्र के अनुष्ठान की विधि:
- हर रोज प्रात: स्नान आदि से निवृत होकर गणेश
की प्रतिमा या तस्वीर के सामने पूर्व या
उत्तर की तरफ़ मुख रखकर स्वच्छ आसन पर बैठ
जाये. तत पश्चात गणेशजी का पंचोपचार विधि (चंदन,
पुष्प, धूप-दीप और नैवेध) द्वारा पूजन करे.फ़िर इस
स्तोत्र का ह्रदय से अनुष्ठान करे.
संतान प्राप्ति गणपति स्तोत्र :
" नमोस्तु गणनाथाय सिद्धिबुद्धि युताय च !
सर्व प्रदाय देवाय पुत्र वृद्धि प्रदाय च !!१!!
गुरुदराय गुरुवे गोप्त्त्रे गुह्या सिताय ते !
गोप्याय गोपिता शेष भुवनाथ चिदात्मने !!२!!
विश्वमूलाय भव्याय विश्वसृष्टि कराय ते !
नमो नमस्ते सत्याय सत्यपूर्णायशुन्डिने !!३!!
एक दन्ताय शुद्धाय सुमुबाय नमो नम: !
प्रपन्न जन पालाय प्रणातार्ति विनाशने !!४!!
शरणं भय देवेश सन्तति सुद्रढां कुरु !
भविष्यन्ति च ये पुत्रा मत्कुले गणनायक !!५!!
ते सर्वे तव पूजार्थ निरता: स्युर्वरोमत: !
पुत्र प्रदमिंद स्तोत्रं सर्व सिद्धि प्रदायकम !!६!! "
उपर्युक्त 'संतान प्राप्ति गणपति स्तोत्र' का भक्तिपूर्वक नित्य
पाठ करने से संतान प्राप्ति होती है पति-पत्नि को साथ
बैठकर इस स्तोत्र का प्रतिदिन अनुष्ठान करना चाहिये अथवा इस
स्तोत्र का प्रार्थना के रुप में भी पाठ किया जाये तो
भी फ़लदायी सिद्ध होगा।
ॐ रां रामाय नमः
श्री राम ज्योतिष सदन 
पंडित आशु बहुगुणा 
अपनी समस्याओं के समाधान हेतु संपर्क करें। 
मोबाइल नं-9760924411
मुजफ्फरनगर UP

No comments:

नवदुर्गोपनिषत् उक्तं चाथर्वणरहस्ये ।

  नवदुर्गोपनिषत् उक्तं चाथर्वणरहस्ये । विनियोगः- ॐ अस्य श्रीनवदुर्गामहामन्त्रस्य किरातरुपधर ईश्वर ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, अन्तर्यामी नारायणः ...