Tuesday 17 August 2021

काल सर्प दोष के सटीक उपाय

कालसर्प योग निवारण के अनेक उपाय हैं । इस योग की शांति विधि विधान के साथ योग्य विद्धान एवं अनुभवी ज्योतिषी, कुल गुरू या पुरोहित के परामर्श के अनुसार किसी कर्मकांडी ब्राह्मण से यथा योग्य समयानुसार करा लेने से दोष का निवारण हो जाता हैं । कुछ साधारण उपाय निम्न हैं:-
1. घर में वन तुलसी के पौधे लगाने से कालसर्प योग वालों को शान्ति प्राप्त होती हैं ।
2. प्रतिदिन ‘‘सर्प सूक्त‘‘ का पाठ भी कालसर्प योग में राहत देता हैं ।
3. विश्व प्रसिद्ध तिरूपति बाला जी के पास काल हस्ती शिव मंदिर में भी कालसर्प योग शान्ति कराई जाती हैं।
4. इलाहाबाद संगम पर व नासिक के पास त्रयंबकेश्वर में व केदारनाथ में भी शान्ति कराई जाती हैं ।
5. ऊँ नमः शिवाय मंत्र का प्रतिदिन एक माला जप करें । नाग पंचमी का वृत करें, नाग प्रतिमा की अंगुठी पहनें ।
7. कालसर्प योग यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करवाकर नित्य पूजन करें । घर एवं दुकान में मोर पंख लगाये ।
8. ताजी मूली का दान करें । मुठ्ठी भर कोयले के टुकड़े नदी या बहते हुए पानी में बहायें ।
9. महामृत्युंजय जप सवा लाख , राहू केतु के जप, अनुष्ठान आदि योग्य विद्धान से करवाने चाहिए ।
10. नारियल का फल बहते पानी में बहाना चाहिए । बहते पानी में मसूर की दाल डालनी चाहिए ।
11. पक्षियों को जौ के दाने खिलाने चाहिए ।
12. पितरों के मोक्ष का उपाय करें । श्राद्ध पक्ष में पितरों का श्राद्ध श्रृृद्धा पूर्वक करना चाहिए ।
कुलदेवता की पूजा अर्चना नित्य करनी चाहिए ।
13. शिव उपासना एवं रूद्र सूक्त से अभिमंत्रित जल से स्नान करने से यह योग शिथिल हो जाता हैं ।
14. सूर्य अथवा चन्द्र ग्रहण के दिन सात अनाज से तुला दान करें ।
15. 72000 राहु मंत्र ‘‘ऊँ रां राहवे नमः‘‘ का जप करने से काल सर्प योग शांत होता हैं ।
16. गेहू या उड़द के आटे की सर्प मूर्ति बनाकर एक साल तक पूजन करने और बाद में नदी में छोड़ देने तथा तत्पश्चात नाग बलि कराने से काल सर्प योग शान्त होता हैं ।
17. राहु एवं केतु के नित्य 108 बार जप करने से भी यह योग शिथिल होता हैं । राहु माता सरस्वती एवं
केतु श्री गणेश की पूजा से भी प्रसन्न होता हैं ।
18. हर पुष्य नक्षत्र को महादेव पर जल एवं दुग्ध चढाएं तथा रूद्र का जप एवं अभिषेक करें ।
19. हर सोमवार को दही से महादेव का ‘‘ऊँ हर-हर महादेव‘‘ कहते हुए अभिषेक करें ।
20. राहु-केतु की वस्तुओं का दान करें । राहु का रत्न गोमेद पहनें । चांदी का नाग बना कर उंगली में
धारण करें । शिव लिंग पर तांबे का सर्प अनुष्ठानपूर्वक चढ़ाऐ। पारद के शिवलिंग बनवाकर घर में प्राण प्रतिष्ठित करवाए ।

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