गोरोचन - गोरोचन अति प्रसिद्ध वस्तु है। पूजा कर्म में अष्टगंध बनाने में तथा आयुर्वेद में कतिपय औषधियों के निर्माण में गोरोचन को प्रयोग में लिया जाता है। गोरोचन गाय के सिर में से प्राप्त किया जाता है तथा बाजार में पंसारी की दुकान पर यह आसानी से उपलब्ध हो जाता है।
प्रयोग
"रवि-पुष्य" या "गुरू-पुष्य" योग में गोरोचन के एक टुक़डे को गंगाजल व पंचामृत से शुद्ध करके, धूप-दीप आदि से शोधित कर, अपने इष्टदेव के मंत्र से इसे अभिमंत्रित कर लें और चाँदी की ताबीजनुमा डिब्बी में रखकर, गले में बाँध लेने या पूजा में रखने से अशांति दूर होती है और जीवन मे सुख शांति आती है।
गोरोचन के टुक़डे को उपरोक्त प्रकार पूजन करके चाँदी की डिब्बी में रखकर तिजोरी में रखने से व्यापार की वृद्धि होती है। धन का लाभ होता है।
No comments:
Post a Comment