सोमवार, 30 अगस्त 2021

मृत्युंजय जाप

मृत्युंजय जाप 
महाकाल की आराधना का मृत्यु शैया पर पड़े व्यक्ति को बचाने में विशेष महत्व है। खासकर तब जब व्यक्ति अकाल मृत्यु का शिकार होने वाला हो। इस हेतु एक विशेष जाप से भगवान महाकाल का लक्षार्चन अभिषेक किया जाता है।

'ॐ ह्रीं जूं सः भूर्भुवः स्वः, 
ॐ त्र्यम्बकं स्यजा महे
सुगन्धिम्पुष्टिवर्द्धनम्‌।
उर्व्वारूकमिव बंधनान्नमृत्योर्म्मुक्षीयमामृतात्‌ 
ॐ स्वः भुवः भूः ॐ सः जूं हौं ॐ' 
इसी तरह सर्वव्याधि निवारण हेतु इस मंत्र का जाप किया जाता है। 

ॐ मृत्युंजय महादेव त्राहिमां शरणागतम 
जन्म मृत्यु जरा व्याधि पीड़ितं कर्म बंधनः 
शिवरात्रि में शिवोत्सव बडे धूमधाम से मनाया जाता है। इन दिनों भक्तवत्सल्य भगवान आशुतोष महाकालेश्वर का विशेष श्रृंगार किया जाता है, उन्हें विविध प्रकार के फूलों से सजाया जाता है। यहाँ तक कि भक्तजन अपनी श्रद्धा का अर्पण इतने विविध रूपों में करते है कि देखकर आश्चर्य होता है। 

जटाओं में गंगाजी को धारण करने वाले, सिर पर चंद्रमा को सजाने वाले,मस्तक पर त्रिपुंड तथा तीसरे  नेत्र वाले ,कंठ में कालपाश [नागराज] तथा रुद्रा- क्षमाला से सुशोभित , हाथ में डमरू और त्रिशूल है जिनके  और भक्तगण बड़ी  श्रद्दा से  जिन्हें  शिवशंकर, शंकर, भोलेनाथ, महादेव, भगवान् आशुतोष, उमापति, गौरीशंकर, सोमेश्वर, महाकाल, ओंकारेश्वर, वैद्यनाथ, नीलकंठ, काशीविश्वनाथ, त्र्यम्बक, त्रिपुरारि, सदाशिव तथा अन्य सहस्त्रों नामों से संबोधित कर उनकी पूजा-अर्चना किया करते हैं —– ऐसे भगवान् शिव एवं शिवा हम सबके चिंतन को सदा-सदैव सकारात्मक बनायें ।

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