About The Best Astrologer In Muzaffarnagar, India -Consultations by Astrologer Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies , Prashna kundli IndiaMarriage Language: Hindi Experience : Exp: 35 Years Expertise: Astrology , Business AstrologyCareer Astrology ,Court/Legal Issues , Property Astrology, Health Astrology, Finance Astrology, Settlement , Education http://shriramjyotishsadan.in Mob +919760924411
सोमवार, 16 अगस्त 2021
अगर शत्रु पीछे पड़ा हो तो यह अवश्य करे।
अगर शत्रु पीछे पड़ा हो, किसी को बिना किसी कारण से परेशान कर रहा हो तो हनुमान जी की शरण में जाएँ । नित्य हनुमान जी को गुड़ या बूंदी का भोग लगाएं, हनुमान जी को लाल गुलाब चढ़ाकर हनुमान चालीसा , बजरंग बाण का पाठ करें और प्रतिदिन कच्ची धानी के तेल के दीपक में लौंग डालकर हनुमान जी की आरती करें , और अपने उनसे शत्रु को नष्ट करने / परास्त करने की प्रार्थना करें। अपनी कमीज़ की सामने वाली जेब में लाल रंग की छोटी हनुमान चालीसा रखें ,इससे संकटमोचन की कृपा से सभी तरह के अनिष्ट दूर होते है, मनोबल बढ़ता है, जातक निर्भय हो जाता है, नए और शक्तिशाली मित्र बनते है। शत्रु कुछ भी नहीं बिगाड़ पाता है और शांत हो जाता है।
छिन्नमस्ताद्वादशनामस्तोत्रम्
छिन्नमस्ताद्वादशनामस्तोत्रम्
।। ॐ हूं ॐ ।।
छिन्नग्रीवा छिन्नमस्ता छिन्नमुण्डधराऽक्षता ।
क्षोदक्षेमकरी स्वक्षा क्षोणीशाच्छादनक्षमा ॥ १॥
वैरोचनी वरारोहा बलिदानप्रहर्षिता ।
बलिपूजितपादाब्जा वासुदेवप्रपूजिता ॥ २॥
इति द्वादशनामानि छिन्नमस्ताप्रियाणि यः ।
स्मरेत्प्रातः समुत्थाय तस्य नश्यन्ति शत्रवः ॥ ३॥
इति छिन्नमस्ताद्वादशनामस्तोत्रं सम्पूर्णम् ।
अर्थात् -
१) छिन्नग्रीवा - जिन्होंने अपने भक्तों के लिए अपना कंठ काट लिया है।
२) छिन्नमस्ता - जिन्होंने अपने भक्तों के लिए अपना मस्तक काट लिया है, अर्थात् अपना जीवन ही भक्तों के निमित्त अर्पित कर दिया है।
३) छिन्नमुण्डधरा - जो अपना मस्तक काटकर अपने बाएं हाथ मे धारण करती हैं।.
४) अक्षता - जो पूर्ण है, जिनका कभी पराभव नही होता, जो सम्पूर्ण हैं।
५) क्षोदक्षेमकरी - उपद्रव शांत करने में प्रवीण ।
६) स्वक्षा - सुंदर नेत्रो वाली।
७) क्षोणीशाच्छादनक्षमा - राजाओं का पालन-रक्षण करने वाली ।
८) वैरोचनी - इंद्र की पत्नी ( भगवान शंकर को उपनिषद में इंद्र कहा गया है अतः शंकर पत्नी भावार्थ लगायें)
९) वरारोहा - अत्यंत सुंदर वपु वाली
१०) बलिदान प्रहर्षिता - भक्तो द्वारा अर्पित विभिन्न पूजन सामग्रियों, फल, मिष्ठान्न, नारियल, फूल आदि से प्रसन्न होने वाली।
११) बलिपूजितपादाब्जा - जिनके चरण कमलों में विभिन्न पदार्थ अर्पित किए जाते हैं या इन उत्तम।पदार्थों से पूजित चरण कमल वाली (फल, फूल, मिष्ठान्न, मेवा, रत्न, स्वर्ण आदि आदि)
१२) वासुदेवप्रपूजिता - श्रीकृष्ण द्वारा पूजित व उपसित।
जो इन १२ नामो को प्रातः उठते ही स्मरण करता है उसके सभी शत्रुओं का नाश होता है। इन १२ नामो का निरंतर चिंतन करने वाले के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं।
शनिवार, 14 अगस्त 2021
।।श्रीहनुमत्ताण्डवस्त्रोम।।
बुधवार, 11 अगस्त 2021
व्यापार मैं वृद्धि हेतु उपाय
व्यापार मैं वृद्धि हेतु उपाय
शुक्ल पक्ष के पहले गुरुवार से इसे प्रारंभ करें। सर्वप्रथम साधक, ब्रह्म मुहूर्त में, शैय्या त्याग, दैनिक नित्य कार्यों से निवृत्त हो, घर, या व्यापार स्थल के उत्तरी कोण को गंगा जल से धो कर पवित्र करे। उसपर शुद्ध पिसी हल्दी, जिसमें मिर्चादि का अंश न हो, ले कर एक सुंदर स्वस्तिक बनाएं। स्वास्तिक में 4 बिंदियां अवश्य हों। स्वस्तिक के मध्य भाग में चने की दाल 50 ग्राम तथा 50 ग्राम गुड़ रख कर, आवश्यक हो तो एक नयी टोकरी से ढक दें, या ऐसे ही खुला छोड़ दें। इसे बार-बार न देखें। प्रत्येक गुरुवार इस क्रिया को दोहराएं। अशुद्ध स्त्री की छाया से यथासंभव बचाए रखें।
मंगलवार, 10 अगस्त 2021
Shriramjyotishsadan
<script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-8188517686790317"
crossorigin="anonymous"></script>
शनिवार, 8 फ़रवरी 2020
रुके हुए सारे काम अब होंगे पुरे
र्सव सिद्धि प्रदायक प्रत्यक्ष दुर्गा सिद्धि प्रयोग
शत्रुओं से छुटकारा पाने हेतु एक लघु प्रयोग
सर्व मनोकामना पूरक भैरव मंत्र प्रयोग
रोग मुक्ति के अदभूत उपाय करे।
दैनिक जीवन मे काम आने वाले तंत्र उपाय
शाबर धूमावती साधना से शत्रुओ का नाश
भुवनेश्वरी दरिद्रता नाशक साधना
देवी पंचांगुली सिद्ध साधना करके भविष्यवक्ता बने
चमत्कारी स्तोत्र से श्री नवग्रह शांति होती है।
श्री बगलामुखी यन्त्रम्
श्री बगलामुखी यन्त्रम् यह एक अत्यंत शक्तिशाली और पूजनीय यंत्र है जो देवी बगलामुखी को समर्पित है, जो दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी हैं। ...
-
ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र ॐ अस्य श्री बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मन्त्रस्य सप्त ऋषिः ऋषयः , मातृका छंदः , श्री बटुक भैरव ...

