शाबर मन्त्र को जाग्रत करने की अनुभूत विधि कभी ऐसा भी होता है कि उचित विधि से शाबर मन्त्र का प्रयोग करने के बाद भी साधना में सिद्धि नहीं मिलती। ऐसे समय शाबर मन्त्र को जाग्रत करने की आवश्यकता होती है। शाबर मन्त्र को जाग्रत करने की अनुभूत विधियाँ इस प्रकार हैः- १॰ एक अखण्ड व बड़ा ‘भोजपत्र’ लें। ‘अष्टगन्ध में गंगाजल मिलाकर स्याही बनाए। ‘दाड़िम’ की लेखनी से ‘भोजपत्र’ पर १०८ बार उस मन्त्र को लिखें, जिसे जाग्रत करना है। यदि मन्त्र बड़ा हो, तो ३,५,७,९ या ११ बार लिखें। लेखन के साथ-साथ मन्त्रोच्चारण करता रहे। फिर एक पाटे या चौकी के ऊपर नया वस्त्र बिछाकर मिट्टी का नया कलश रखें, साथ ही मन्त्रलिखित भोजपत्र भी रखें। धूप-दीप-नैवेद्य से भोजपत्र का पूजन करें। पूजन के बाद १०८ बार पुनः मन्त्र का जप करें। ब्राह्मणों को भोजन कराए। गरीबों को दान-दक्षिणा दें। कलश में नया वस्त्र रखकर उसके ऊपर मन्त्र लिखा हुआ भोजपत्र रख दें। कलश का मुँह बन्द कर दें और उसे बहती हुई नदी के जल में प्रवाहित कर दें। प्रवाहित करते समय मन्त्र का उच्चारण करता रहे। विसर्जन के बाद घर आ जायें। २॰ रविवार की रात में ‘असावरी देवी की पूजा कर, काँसे की थाली को राख से स्वच्छ कर उसे सामने रखें और प्रत्येक प्रहर के प्रारम्भ में अभीष्ट मन्त्र को १०८ बार जपें। चौथे (आखिरी) प्रहर में मन्त्र-जप के पश्चात् ‘खैर’ की डण्डी से हिन्दी अथवा मातृभाषा में कहें — “हे मन्त्र देवी जाग्रत हो।” साथ ही उक्त थाली को बजाएँ।
श्री राम ज्योतिष सदन भारतीय ज्योतिष, अंक ज्योतिष पर आधारित जन्मपत्रिका और वर्षफल बनवाने के लिए सम्पर्क करें। अगर आप व्यक्तिगत रूप से या फोन पर एस्ट्रोलॉजर पंडित आशु बहुगुणा से अपनी समस्याओं को लेकर बात करना चाहते हैं।अपनी नई जन्मपत्रिका बनवाना चाहते हैं। या अपनी जन्मपत्रिका दिखाकर उचित सलाह चाहते हैं। मेरे द्वारा निर्धारित फीस/शुल्क अदा कर के आप बात कर सकते हैं। http://shriramjyotishsadan.in/ मोबाइल नं-9760924411 फीस संबंधी जानकारी के लिए- आप--- Whatsapp - message भी कर सकते हैं।-9760924411
Showing posts with label शाबर मन्त्र को जाग्रत करने की अनुभूत विधि. Show all posts
Showing posts with label शाबर मन्त्र को जाग्रत करने की अनुभूत विधि. Show all posts
Subscribe to:
Posts (Atom)
दुर्गा सप्तशती पाठ विधि
दुर्गा सप्तशती दुर्गा सप्तशती पाठ विधि पूजनकर्ता स्नान करके, आसन शुद्धि की क्रिया सम्पन्न करके, शुद्ध आसन पर बैठ जाएँ। माथे पर अपनी पसंद क...
-
ॐ श्री काल भैरव बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मंत्र ॐ अस्य श्री बटुक भैरव शाबर स्तोत्र मन्त्रस्य सप्त ऋषिः ऋषयः , मातृका छंदः , श्री बटुक भैरव ...