Saturday, 2 April 2022

श्री कमलात्मिका (लक्ष्मी) तंत्र

श्री कमलात्मिका (लक्ष्मी) तंत्र
(१), एकाक्षर मन्त्र-श्रीं
विनियोग-: अस्य श्री कमला मंत्रस्य भृगुऋषिः।। निवृच्छंद।। श्रीलक्ष्मीर्देवता।। मम् धनाप्तये जपे विनियोगः।।
ऋष्यादि न्यास
भृगुऋषये नमः शिरसि।।१।।
निवृच्छंदसे नमो मुखे।।२।।
श्री लक्ष्मी देवतायै नमो हृदि।।३।।
विनियोग नमः सर्वांगे।।४।।
करन्यास-
ॐ श्रां अंगुष्ठाभ्यां नमः।।१।।
ॐ श्रीं तर्जनीभ्यां नमः।।२।।
ॐ श्रूं मध्यमाभ्यां नमः।।३।।
ॐ श्रैं अनामिकाभ्यां नमः।।४।।
ॐ श्रौं कनिष्ठिकाभ्यां नमः।।५।।
ॐ कलतलकर पृष्ठाभ्यां नमः।।६।।
ह्रदयादि षडंग न्यास
ॐ श्रां ह्रदयाय नमः।।१।।
ॐ श्रीं शिरसे स्वाहा।।२।।
ॐ श्रूं शिखायै वषट्।।३।।
ॐ श्रैं कवचाय हुं।।४।।
ॐ श्रौं नेत्रत्रयाय वौषट्।।५।।
ॐ श्रः अस्त्राय फट् ।।६।।
ध्यान मन्त्र-
(श्री महालक्ष्मी का कोई भी ध्यान मंत्र कर सकते हैं।)
कान्तया कांचन सान्निभां हिमगिरि प्रख्यैश्चतुर्भिर्गजे हस्तोत्क्षिप्त हिरण्मया मृत घटै रासिच्यमानां श्रियम्। बिभ्राणां वरमब्जयुग्ममभयं हस्तैः किरीटोजज्वलां।
क्षौमाबद्ध नितंब बिंब लसिता वंदेऽरविन्द स्थिताम्।।
इस तरह ध्यान कर पीठ स्थापन पूजन करें। यंत्र-स्थापन पूजन और यंत्राधिष्ठित देवताओं का आवरण पूजन करें। धूप-दिप-निराजन-नैवेद्य अर्पण करके, देवी का शुद्ध चित्त से ध्यान करते हुए मन्त्र जप आरंभ करें। यह एकाक्षर 'श्रीं' मन्त्र का पुरश्चरण बारह लाख (१२) मन्त्र का हैं।
चतुर्क्षर लक्ष्मीबीज मन्त्र ऐं श्रीं ह्रीं क्लीं।।
बारह लाख मन्त्र का पुरश्चरण हैं।
दशाक्षर कमला मन्त्र
ॐ नमः कमलवासिन्यौ स्वाहा।।
इस मन्त्र का दस लाख जप करें।
श्री महालक्ष्मी मन्त्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्ये स्वाहा।।
इस मन्त्र का एक लाख जप करें।
द्वादशाक्षर महालक्ष्मी मन्त्र
ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं सौः जगत्यप्रसूत्यै नमः।।
इस मन्त्र का पुरश्चरण १२ लाख मन्त्र का हैं।
श्री लक्ष्मी मन्त्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मीरागच्छागच्छ मम मंदिरे तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा।।
इस मन्त्र का नित्य १०८ जप करें। १०८ दिन तक अविरत जप करने से धन-वैभव की प्राप्ति होती हैं।
श्री सिद्धलक्ष्मी मन्त्र
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध लक्ष्म्यै नमः।।
इस मन्त्र का पुरश्चरण एक लाख मन्त्र हैं।
श्री ज्येष्ठा लक्ष्मी मन्त्र
ऐं ह्रीं श्रीं ज्येष्ठालक्ष्मि स्वयंभुवे ह्रीं ज्येष्ठायै नमः।।
इस मन्त्र का १ लाख जप करें।
वसुधा लक्ष्मी मन्त्र
ॐ ग्लौं श्रीं अन्नं मह्यन्नंमे देह्यन्नाधि पतये ममान्नं प्रदापय स्वाहा श्रीं ग्लौं ॐ।।
एक लाख मन्त्र का पुरश्चरण हैं।
श्री लक्ष्मी मन्त्र (अन्य)
ॐ श्रीं ह्रीं ऐं महालक्ष्म्यै कमलधारिण्यै सिंह वाहिन्यै स्वाहा।।
पुरश्चरण एक लाख मन्त्र।
नित्य जप श्री लक्ष्मी मन्त्र 
ॐ श्रीं नमः।।
ॐ ह्रीं श्रीं नमः।।
नित्य श्रीसुक्त पाठ भी माता महालक्ष्मी की प्रसन्नता के लिए अमोघ हैं।
9760924411

No comments:

दुर्गा सप्तशती पाठ विधि

  दुर्गा सप्तशती दुर्गा सप्तशती पाठ विधि पूजनकर्ता स्नान करके, आसन शुद्धि की क्रिया सम्पन्न करके, शुद्ध आसन पर बैठ जाएँ। माथे पर अपनी पसंद क...