यदि आपकी सन्तान आपका कहना नहीं मान रही है। वह आपके वश में नहीं है, समय-असमय घर पर आती है। संगत अच्छी नहीं है। आप चाहते हैं कि वह आपका कहना माने और आपके कहे अनुसार चले तो आपके लिए यह अनुभूत प्रयोग दे रहे हैं, इसे करके आप लाभ उठा सकते हैं।
प्रयोग इस प्रकार है।
शुक्ल पक्ष के शनिवार की रात्रि में इस प्रयोग को करना है।
शनिवार की रात्रि में सात फूल वाले लौंग ले आएं।
शनिवार की रात्रि में पूजा स्थल में इष्ट को स्मरण करके सात लौंग को 21 बार फूंक लें और फूंकने से पूर्व यह बोले-मेरा पुत्र अमुक(पुत्र का नाम) मेरे वश में आए। मेरा कहना माने। बुरी संगत से छूट जाए। अमुक के स्थान पर पुत्र का नाम बोलें।
अगले दिन रविवार सात लौंग में से एक लौंग जलाकर भस्म बना दें। इस प्रकार सात रविवार को सातों लौंग जला दें और उसकी भस्म बहते पानी में बहा दें।
इस प्रयोग से आप भी लाभ उठाएं और दूजों को भी बताकर लाभ पहुंचाएं।
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