अशुभ ग्रहो के दोष से बचाव के लिये स्नान ।
वर्तमान युग मे रत्न धारण को ही ग्रहो की अनुकूलता का एक मात्र विकल्प मान लिया जो उचित नही है ।
ग्रहो की अनुकूलता अनिष्ट फल को शमन करने और शुभ फल प्राप्ति के लिए ओषधियो को जल मे भिगोकर अथवा उनके क्वाथ को जल मे मिलाकर स्नान करने का विधान अत्यन्त श्रेष्ठ रहता है ।
ज्योतिषीय प्रसिद्ध ग्रन्थ ज्योतिर्विदाभरण ग्रन्थ मे लिखा है। -
" खगेरिता साधुफलं जनेन
तदर्चया यत्तदितं वरेण्यम् ।
सदौषधिस्नान विधानहोमा
पवर्जनेभ्योऽभ्युदयाय वा स्यात्। ।
अर्थात ग्रहो के अनिष्ट फल की शान्ति ग्रह- पूजा , ओषधि स्नान, होम एवं दान करने से होती है और मनुष्य का अभ्युदय होता है ।
सभी ग्रहो की ओषधि स्नान वस्तुऐ निम्नवत प्रकार से है।
सूर्य -
सूर्य की अनिष्ट शान्ति के लिए देवदारू , जेठीमधु , कमल गट्टा ,इलायची , मनःशिल , खस से स्नान करने से लाभ प्राप्त होता है ।
चन्द्रमा -
चन्द्रमा की अनिष्ट शान्ति के लिये पंचगव्य , बिल्व , कमल ,मोती की सीप शंख से स्नान करना लाभदायक रहता है ।
मंगल -
मंगल की अनिष्ट शान्ति के लिए चन्दन , बिल्व , बैगनमूल , बरियारा के बीच ( खरेटी ) ,जटामासी , लाल पुष्प ,सुगंध वाला , नागकेशर और जपापुष्प से स्नान करना चाहिए।
बुध -
बुध अनिष्ट शान्ति के लिए नागकेशर, पोहकरमूल , अक्षत , मुक्ताफल , गोरोचन , मधु , मैनफल और पंचगव्य से स्नान करना श्रेष्ठ रहता है ।
बृहस्पति -
गुरु की अनिष्ट शान्ति के लिए पीली सरसो , जेठीमधु , मालती पुष्प , जुही के फूल और पत्ते से स्नान करना उचित रहता है ।
शुक्र-
शुक्र के अच्छे फल प्राप्ति के लिए श्वेत कमल , मनःशिल , सुगंधबाला , इलायची , पोहकरमूल , और केशर से नहाना सर्वाधिक हितकर रहता है ।
शनि -
शनि की अनिष्ट निवारक के लिए काला सुरमा , बरियारा के बीज ( खरेटी ) ,काले तिल , धान का लावा , लोध , मोथा और सौफ से स्नान करना उत्तम फलदायक रहता है ।
राहु -
राहु अनिष्ट निवारण के लिए बिल्व पत्र , लाल चंदन , लोध , कस्तूरी , गजमद , दूर्वा , मोथा से स्नान लाभप्रद रहता है ।
केतु -
केतु की अनिष्ट शान्ति के लिए रक्त चंदन , रतनजोत , कस्तूरी ,मोथा , गजमद , लोध , सुगंधबाला, दाडिम, गुडूची से स्नान करना श्रेष्ठ फलदायक रहता है ।
उपरोक्त ग्रहो के निमित्त ओषधि स्नान अनिष्ट निवारक एवं शुभ प्रभाव प्रदान करने वाले हैं शास्त्रोक्त एवं मालूमी व्यय वाले एवं अति शीघ्र फलदायक रहते है। जनोपयोगी एवं अत्यन्त श्रेष्ठ है। का उपयोग कर ग्रहो की अनुकूलता प्राप्त की जा सकती है। जन्म कुंडली के अनुसार अनिष्ट फल प्रदान करने वाला ग्रह दशा चक्र होने पर उपरोक्त ओषधि स्नान कर ग्रहो की कृपा आसानी से प्राप्त की जा सकती है ।
ॐ रां रामाय नमः
श्री राम ज्योतिष सदन
भारतीय ज्योतिष, अंक ज्योतिष
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