अक्सर देखा गया है की अपनी तरफ से सब कुछ सही करते हुए भी जीवन काफी अस्त-व्यस्त रहता है। हर वक़्त अशांति सी बनी रहती है। कुछ भी सही नहीं हो रहा होता है और इन सबके चलते जिंदगी काफी परेशानियोंभरी सी हो जाती है। बहुत से लोग इसके पीछे किसी दूसरे व्यक्ति के द्वारा किए जादू-टोटके व तंत्र-मंत्र साधना को जिम्मेदार मानते है। जो हर वक़्त आपको परेशान करते है। पर हम आपको आज तंत्र बाधा से जुड़े कई सारे निवारण बताने जा रहे है, तो अगर आपको कभी लगे की किसी शत्रु ने आप पर तंत्र विद्या का इस्तेमाल किया है तो नीचे बताए गए उपायों से आप अपनी सुरक्षा कर सकते है।
तंत्र बाधा निवारण साधना
साबर मंत्र: ॐ नमो सूरज चंदा भोम बुध गुरु शुकर शनिदेव, सभी जन किरपा करो नित उठ करता सेव ! राहू केतु किरपा करो धरू आपका ध्यान, भैरो, चोसठ योगिनी, पीर, वीर हनुमान ! जती सती और सुरमा और बस्ती के देव, मनसा पूरी कीजिये रत्ती ना आवे खेव !!
जिसका प्रयोग आप सोमवार की रात को करे। इस विधि को करने से पहले ये सारी सामग्री ले आए जैसे कि: एक नारियल (पानी वाला), 250 ग्राम माह साबुत (काले उड़द साबुत), एक तांबे का पैसा, एक पाँच पैसे जो पहले चलते थे मतलब पंजी, पाँच मेखे (कीलें), एक डली गुड, 250 ग्राम चने की दाल जो घर में बनाते हैं, मौली (कलावा), सिन्दूर, सवा मीटर काला कपडा। अब इन सारी चीज़ों को एक काले कपड़े के ऊपर रख ले जिसे आप ठीक सामने बिछाये। फिर नारियल पर मौली बांधकर उसके ऊपर सिंदूर लगा दे। बताए मंत्र के जप के लिए काले हकीक की माला भी ले। इस साधना को शुरू करने से पहले आपको संकल्प लेना होता है कि मैं (अपना नाम ले), गोत्र बोले, गुरु स्वामी (गुरु का नाम बोले) जी का शिष्य अपने जीवन में और घर में तंत्र बाधा के निवारण के हेतु यह प्रयोग कर रहा हूँ। हे गुरुदेव मुझे सफलता प्रदान करें।
संकल्प लेने के बाद आप पश्चिम या दक्षिण दिशा की ओर मुख करे और नीचे आसन बिछाकर बैठ जाये फिर ऊपर बताए मंत्र का 108 बार जप करे। जप हो जाने के बाद कपड़े पर बिछाई उन सारी चीज़ों को उसी कपड़े मे ही गांठ लगा ने और उसे वहीँ पड़े रहने दे। अब मंगलवार के दिन उस सामाग्री को सभी घरवालों के सिर के ऊपर से घूमाकर बहती नदी की तरफ पीठ कर अपने सिर के ऊपर से उसे नदी मे फेक दे। फिर बिना किसीसे कुछ बोले घर आकार मुह धोकर अपने गुरु जी को धन्यवाद दे।
यह उपाय हर किये कराए को जड़ से समाप्त कर देगा।
Mob no---9760924411
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