बुधवार, 17 अप्रैल 2019

यहाँ मैं बहुत ही सरल रूप में तंत्र, मंत्र, यन्त्र, तांत्रिक, तांत्रिक साधना,तांत्रिक क्रिया अथवा पञ्च मकार के बारे में संचिप्त में वर्णन करूँगा। तंत्र एक विज्ञानं है जो प्रयोग में विश्वास रखता है। इसे विस्तार में जानने के लिए एक सिद्ध गुरु की आवश्यकता है। अतः मैं यहाँ सिर्फ़ उसके सूक्ष्म रूप को ही दर्शा रहा हूँ। पार्वतीजी ने महादेव शिव से प्रश्न किया की हे महादेव, कलयुग मे धर्म या मोक्ष प्राप्ति का क्या मार्ग होगा? उनके इस प्रश्न के उत्तर मे महादेव शिव ने उन्हे समझते हुए जो भी व्यक्त किया तंत्र उसी को कहते हैं। योगिनी तंत्र मे वर्णन है की कलयुग मे वैदिक मंत्र विष हीन सर्प के सामान हो जाएगा। ऐसा कलयुग में शुद्ध और अशुद्ध के बीच में कोई भेद भावः न रह जाने की वजह से होगा। कलयुग में लोग वेद में बताये गए नियमो का पालन नही करेंगे। इसलिए नियम और शुद्धि रहित वैदिक मंत्र का उच्चारण करने से कोई लाभ नही होगा। जो व्यक्ति वैदिक मंत्रो का कलयुग में उच्चारण करेगा उसकी व्यथा एक ऐसे प्यासे मनुष्य के सामान होगी जो गंगा नदी के समीप प्यासे होने पर कुआँ खोद कर अपनी प्यास बुझाने की कोशिश में अपना समय और उर्जा को व्यर्थ करता है। कलयुग में वैदिक मंत्रो का प्रभाव ना के बराबर रह जाएगा। और गृहस्त लोग जो वैसे ही बहुत कम नियमो को जानते हैं उनकी पूजा का फल उन्हे पूर्णतः नही मिल पायेगा। महादेव ने बताया की वैदिक मंत्रो का पूर्ण फल सतयुग, द्वापर तथा त्रेता युग में ही मिलेगा. तब माँ पार्वती ने महादेव से पुछा की कलयुग में मनुष्य अपने पापों का नाश कैसे करेंगे? और जो फल उन्हे पूजा अर्चना से मिलता है वह उन्हे कैसे मिलेगा? इस पर शिव जी ने कहा की कलयुग में तंत्र साधना ही सतयुग की वैदिक पूजा की तरह फल देगा। तंत्र में साधक को बंधन मुक्त कर दिया जाएगा। वह अपने तरीके से इश्वर को प्राप्त करने के लिए अनेको प्रकार के विज्ञानिक प्रयोग करेगा। परन्तु ऐसा करने के लिए साधक के अन्दर इश्वर को पाने का नशा और प्रयोगों से कुछ प्राप्त करने की तीव्र इच्षा होनी चाहिए। तंत्र के प्रायोगिक क्रियाओं को करने के लिए एक तांत्रिक अथवा साधक को सही मंत्र, तंत्र और यन्त्र का ज्ञान जरुरी है।

कोई टिप्पणी नहीं:

astroashupandit

              Consultations by Astrologer - Pandit Ashu Bahuguna Skills : Vedic Astrology , Horoscope Analysis , Astrology Remedies  , Prash...